10 नवंबर दिल्ली ब्लास्ट की जांच में ट्रांसनेशनल टेरर नेटवर्क, TTP कनेक्शन और हैंडलर्स की लेयर्ड चेन का खुलासा। 2500 किलो अमोनियम नाइट्रेट और AK-47 बरामद। एजेंसियों को मल्टी-लोकेशन हमले के प्लान के सबूत मिले।
By: Ajay Tiwari
Nov 23, 20255:38 PM
नई दिल्ली. स्टार समाचार वेब
10 नवंबर को दिल्ली में हुए आत्मघाती कार ब्लास्ट की जांच कर रही इंटेलिजेंस एजेंसियों ने एक बड़े ट्रांसनेशनल टेरर नेटवर्क, हैंडलर्स की एक जटिल चेन और कई कोऑर्डिनेटेड हमलों की तैयारी की ओर इशारा करते हुए नई जानकारी का खुलासा किया है। लाल किले के पास हुए इस कार ब्लास्ट में 15 लोग मारे गए थे, जिसमें विस्फोटकों से भरी कार चलाने वाला आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर नबी भी शामिल था। इस मामले में एनआईए (NIA) ने पुलवामा के डॉ. मुजम्मिल शकील गनई, अनंतनाग के डॉ. अदील अहमद राथर, लखनऊ की डॉ. शाहीन सईद और शोपियां के मुफ्ती इरफान अहमद वागे को हिरासत में लिया है।
इंटेलिजेंस सूत्रों के मुताबिक, फरीदाबाद में 2500 किलो से अधिक अमोनियम नाइट्रेट मिलने के बाद गिरफ्तार हुए आरोपी मुजम्मिल ने 5 लाख रुपये से अधिक में एक AK-47 राइफल खरीदी थी, जो बाद में अदील के लॉकर से बरामद हुई। यह हथियार खरीदना मॉड्यूल के पीछे के तैयारी और फाइनेंसिंग के उच्च स्तर को दर्शाता है। सूत्रों ने बताया कि मॉड्यूल का हर आरोपी एक अलग हैंडलर को रिपोर्ट कर रहा था, जो लेयर्स में काम कर रहे थे। दो मुख्य हैंडलर, मंसूर और हाशिम, एक सीनियर हैंडलर के अधीन काम कर रहे थे, जो पूरी गतिविधि को सुपरवाइज कर रहा था।
जांच में सामने आया कि 2022 में, मुजम्मिल, अदील और एक अन्य आरोपी मुजफ्फर अहमद तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) से जुड़े ओकासा नामक व्यक्ति के कहने पर तुर्की गए थे। उनका उद्देश्य तुर्की में एक कॉन्टैक्ट के जरिए अफगानिस्तान जाना था, हालांकि हैंडलर बाद में पीछे हट गया। जांचकर्ताओं ने पाया कि ओकासा ने मुजम्मिल से टेलीग्राम आईडी के माध्यम से संवाद किया था।
यह भी पता चला है कि आत्मघाती हमलावर उमर नबी बम बनाने के वीडियो, मैनुअल और ऑनलाइन कंटेंट की स्टडी कर रहा था। उसने नूंह से केमिकल इंग्रेडिएंट्स और दिल्ली व फरीदाबाद के बाजारों से इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स खरीदे थे। उमर ने केमिकल्स को स्टोर करने और विस्फोटक मिश्रण को स्थिर करने तथा प्रोसेस करने के लिए एक डीप फ्रीजर भी खरीदा था।
इंटेलिजेंस एजेंसियों के मुताबिक, बरामद सामग्री और डिजिटल फुटप्रिंट्स इस बात की पुष्टि करते हैं कि मॉड्यूल कई जगहों पर विस्फोटक स्टोर करके एक साथ हमले करने की योजना बना रहा था। एजेंसियां अब इस बड़ी साजिश में शामिल फाइनेंशियल चैनल और इंटरनेशनल हैंडलर का पता लगाने के लिए आगे की जांच कर रही हैं। इस बीच, दिल्ली हाई कोर्ट ने लाल किला आतंकी हमले के सह-आरोपी जसीर बिलाल वानी को एनआईए की हिरासत रिमांड के दौरान अपने वकील से मिलने की इजाजत देने से मना कर दिया है।