दिल्ली हाईकोर्ट ने अभिनेता परेश रावल की फिल्म 'द ताज स्टोरी' की रिलीज रोकने वाली जनहित याचिका खारिज कर दी। अदालत ने CBFC के निर्णय में हस्तक्षेप से इनकार किया। फिल्म 31 अक्टूबर को रिलीज होगी।
By: Ajay Tiwari
Oct 30, 20256:41 PM
नई दिल्ली. एंटरटेंमेंट डेस्क
बॉलीवुड अभिनेता परेश रावल की बहुचर्चित फिल्म 'द ताज स्टोरी' की रिलीज पर रोक लगाने की मांग वाली जनहित याचिका (PIL) को दिल्ली उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है। अदालत के इस निर्णायक फैसले के बाद, यह फिल्म अपने निर्धारित समय यानी शुक्रवार 31 अक्टूबर को रिलीज होगी।
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने मामले की सुनवाई की। याचिका में फिल्म को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) द्वारा दिए गए सर्टिफिकेट को चुनौती दी गई थी। हालांकि, अदालत ने याचिका पर विचार करने से साफ इनकार कर दिया। पीठ ने कड़े लहजे में पूछा, "क्या हम सुपर सेंसर बोर्ड हैं? क्या आपके कहने मात्र से हम आदेश पारित कर दें?" अदालत ने स्पष्ट किया कि सिनेमैटोग्राफ अधिनियम में सेंसर बोर्ड के निर्णय की समीक्षा का कोई प्रावधान नहीं है, और फिल्म के प्रमाणन एवं रिलीज से जुड़े मामलों में अदालत की भूमिका सीमित है।
याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि उनका मूल उद्देश्य फिल्म की रिलीज रोकना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि इसे ऐतिहासिक सत्य के रूप में प्रस्तुत न किया जाए। इस पर पीठ ने उन्हें सलाह दी कि इस विषय में उचित कदम उठाने के लिए उन्हें सरकार के समक्ष आवेदन देना चाहिए। अदालत की सलाह के बाद, याचिकाकर्ता ने इस मामले को सरकार के पास ले जाने के लिए जनहित याचिका वापस लेने का अनुरोध किया।
इससे पहले बुधवार को भी हाईकोर्ट ने इस याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था। याचिका में आरोप लगाया गया था कि फिल्म मनगढ़ंत तथ्यों पर आधारित है और इसे राजनीतिक उद्देश्य से बनाया गया है। यह भी कहा गया था कि फिल्म से सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है और विभिन्न समुदायों के बीच तनाव उत्पन्न हो सकता है।