देवउठनी एकादशी (शनिवार) और 2 नवंबर को तुलसी विवाह के साथ ही मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाएगी। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, 18 नवंबर से 6 दिसंबर तक कुल 13 शुभ मुहूर्त हैं। खरमास (16 दिसंबर से 14 जनवरी) में लगेंगे ब्रेक, फिर फरवरी में बजेंगी शहनाइयां।
By: Ajay Tiwari
Nov 02, 20256:12 PM
स्टार समाचार वेब. धर्म डेस्क
भगवान विष्णु के चार माह के शयनकाल से जागने के प्रतीक देवउठनी एकादशी से मांगलिक कार्यों और विवाह समारोहों की शुरुआत हो गई है। ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार, देवउठनी एकादशी को अबूझ मुहूर्त माना जाता है, इसलिए इस दिन बिना किसी विस्तृत गणना के भी बड़ी संख्या में विवाह और अन्य शुभ कार्य संपन्न किए जा सकते है। इसके बाद, 2 नवंबर को तुलसी विवाह के अवसर पर भी अबूझ मुहूर्त रहेगा, जिसमें शादियाँ और अन्य मांगलिक अनुष्ठान किए जा सकेंगे।
नवंबर-दिसंबर में विवाह मुहूर्त की स्थिति
ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, नवंबर महीने में शुभ विवाह मुहूर्त की औपचारिक शुरुआत 18 नवंबर से होगी।
शुभ मुहूर्त: 18 नवंबर से 6 दिसंबर 2025 तक विवाह के लिए कुल 13 शुभ तिथियां उपलब्ध रहेंगी।
मांगलिक कार्यों पर रोक: 8 दिसंबर से शुक्रास्त दोष प्रारंभ हो जाएगा, और 11 दिसंबर की रात 12 बजे से शुक्र अस्त होने के कारण मांगलिक कार्य वर्जित हो जाएंगे।
पंडितों ने बताया कि देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह का समय अत्यंत शुभ होता है। जिन जातकों के विवाह में अड़चनें आ रही हैं, वे इस अवसर पर भगवान विष्णु और तुलसी माता की विशेष पूजा कर वैवाहिक जीवन में शुभता का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
मांगलिक कार्यों पर अगला विराम खरमास के कारण लगेगा।
खरमास अवधि: 16 दिसंबर 2025 से 14 जनवरी 2026 तक। इस अवधि में विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण आदि कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होगा।
फाल्गुन में शुरुआत: खरमास समाप्त होने के बाद, शुभ कार्यों की शुरुआत उदय माघी पूर्णिमा (1 फरवरी) से होगी। फाल्गुन शुक्ल पक्ष तृतीया 4 फरवरी से 21 फरवरी तक विवाह के लिए कुल 14 शुभ मुहूर्त उपलब्ध रहेंगे।
| महीना | शुभ विवाह मुहूर्त तिथियां |
| नवंबर 2025 | 18, 19, 21, 22, 23, 24, 25, 29, 30 |
| दिसंबर 2025 | 1, 4, 5, 6 |
| फरवरी 2026 | 4, 5, 6, 7, 8, 9, 12, 13, 15, 16, 19, 20, 21 |