मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के 16 जिलों के उपभोक्ता 1-31 दिसंबर तक धारा 126 के लंबित बिजली बिल मामलों में लोक अदालत जैसी छूट प्राप्त करें। आकलित राशि पर 20% और ब्याज पर 100% तक की छूट। ऑनलाइन (portal.mpcz.in) या ऑफलाइन आवेदन की सुविधा।
By: Ajay Tiwari
Nov 21, 20255:15 PM
भोपाल. स्टार समाचार वेब
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने अपने कार्यक्षेत्र के 16 जिलों के बिजली उपभोक्ताओं को राहत देते हुए विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126 के तहत लंबित मामलों में छूट पाने का शानदार अवसर दिया है। यह छूट लोक अदालत की तर्ज पर दी जा रही है। उपभोक्ता इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए 1 दिसंबर से 31 दिसंबर तक ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
ऑनलाइन आवेदन के लिए उपभोक्ता कंपनी के पोर्टल, portal.mpcz.in, पर जाएँ। होमपेज पर प्रदर्शित क्विक लिंक टैब में जाकर "Rebate As lokadalat in section 126" पर क्लिक करें। अपनी कंज्यूमर आईडी दर्ज करने पर, धारा 126 में दर्ज लंबित प्रकरण स्क्रीन पर प्रदर्शित होगा। उपभोक्ता को यह सत्यापित करना होगा कि परिसर पर विद्युत देयक की कोई अन्य बकाया राशि नहीं है और न ही विचाराधीन मामले पर धारा 127 के अंतर्गत अपीलीय प्राधिकरण या किसी अन्य न्यायालय में कोई अपील लंबित है या निर्णित हुई है। सत्यापन के बाद, उपभोक्ता ऑनलाइन भुगतान का विकल्प चुनकर राशि जमा कर सकते हैं।
जो उपभोक्ता ऑफलाइन आवेदन करना चाहते हैं, वे अपने नजदीकी विद्युत वितरण केन्द्र/जोन पर जाकर निर्धारित प्रारूप में आवेदन कर सकते हैं।
यह विशेष छूट लोक अदालत के महीने के दौरान प्रकरणों के निराकरण के लिए दी जा रही है। छूट के लिए निम्नलिखित श्रेणियों के लंबित मामले पात्र होंगे, बशर्ते सिविल दायित्व की राशि ₹10 लाख तक हो और धारा 127 के अंतर्गत गठित अपील प्राधिकरण या उच्च न्यायालय में कोई अपील लंबित न हो-
समस्त घरेलू उपभोक्ता।
समस्त कृषि उपभोक्ता।
5 किलोवाट तक के गैर घरेलू उपभोक्ता।
10 अश्वशक्ति तक के औद्योगिक उपभोक्ता।
पात्र उपभोक्ताओं को आकलित राशि पर 20% की छूट मिलेगी। इसके अलावा, निर्धारण आदेश जारी होने की तारीख से 30 दिन की अवधि समाप्त होने के बाद आकलित राशि के भुगतान में चूक किए जाने पर लगने वाले 16% की चक्रवर्ती दर से ब्याज की राशि पर 100% की छूट दी जाएगी।
कंपनी ने स्पष्ट किया है कि यदि एक ही संयोजन (कनेक्शन) पर धारा 126 के तहत एक से अधिक मामले दर्ज हैं, तो उन सभी का भुगतान एक साथ एकमुश्त करना अनिवार्य होगा। ऐसे मामलों में उपभोक्ताओं को वितरण केंद्र/जोन पर संपर्क कर आवेदन करना होगा।