केंद्र सरकार ने बिहार में बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए दो प्रमुख परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इनमें बक्सर-भागलपुर कॉरिडोर के हिस्से के रूप में मोकामा-मुंगेर खंड पर ₹4,447 करोड़ की लागत से 4-लेन ग्रीनफील्ड हाईवे का निर्माण और बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल को जोड़ने वाली भागलपुर-दुमका-रामपुरहाट रेलवे लाइन का दोहरीकरण शामिल है। जानें कैसे ये परियोजनाएं दक्षिणी बिहार की कनेक्टिविटी को बदलेंगी और रोजगार के अवसर पैदा करेंगी।
By: Ajay Tiwari
Sep 10, 20254:43 PM
केंद्र सरकार ने बिहार में दो बड़ी ढांचागत परियोजनाओं को मंजूरी देकर राज्य के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। इन परियोजनाओं में एक हाई-स्पीड हाईवे और एक महत्वपूर्ण रेलवे लाइन का दोहरीकरण शामिल है, जो न केवल राज्य के भीतर बल्कि पड़ोसी राज्यों के साथ भी कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगी।
मोकामा-मुंगेर हाई-स्पीड कॉरिडोर: दक्षिणी बिहार को नई पहचान
केंद्रीय कैबिनेट ने बक्सर-भागलपुर हाई-स्पीड कॉरिडोर के हिस्से के रूप में मोकामा-मुंगेर खंड पर 4-लेन ग्रीनफील्ड एक्सेस-नियंत्रित हाईवे के निर्माण को हरी झंडी दे दी है। यह परियोजना हाइब्रिड एन्युइटी मोड (HAM) पर बनाई जाएगी। इसकी कुल लंबाई 82.4 किलोमीटर है और इस पर अनुमानित 4,447.38 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह दक्षिणी बिहार के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना है। बक्सर से पटना तक पहले से ही एक मजबूत नेटवर्क मौजूद है। इसके बाद, पटना से फतुहा, बेगूसराय होते हुए आगे का काम लगभग पूरा हो चुका है। मोकामा से मुंगेर तक का यह नया खंड, और फिर मुंगेर से भागलपुर तक, इस पूरे कॉरिडोर को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
रेलवे का कायाकल्प: कार्गो और यात्री सेवाओं में सुधार
अश्विनी वैष्णव ने यह भी बताया कि आजादी के बाद पहली बार रेलवे कार्गो का मॉडल शेयर लगातार घट रहा था, लेकिन अब यह 27% के निचले स्तर से बढ़कर लगभग 29% तक पहुंच गया है। यह प्रधानमंत्री के तीसरे कार्यकाल में स्वीकृत बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के तहत हो रहे बड़े बदलावों का हिस्सा है, जिनकी कुल लागत लगभग 11 लाख करोड़ रुपये है।
तीन राज्यों को जोड़ने वाली रेलवे परियोजना: भागलपुर-दुमका-रामपुरहाट
कैबिनेट ने भागलपुर-दुमका-रामपुरहाट एकल रेलवे लाइन (177 किलोमीटर) के दोहरीकरण को भी मंजूरी दी है। इस परियोजना पर 3,169 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह रेलवे लाइन बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल को आपस में जोड़ेगी।
यह परियोजना मानचित्र पर बिहार से शुरू होकर झारखंड से होते हुए रामपुरहाट में पश्चिम बंगाल को जोड़ती है। इस दोहरीकरण से भागलपुर से दुमका और फिर सीधे रामपुरहाट तक ट्रेनें चल पाएंगी। यह न केवल कई यात्री और एक्सप्रेस ट्रेनों को लाभ पहुंचाएगा, बल्कि देवघर के पवित्र तीर्थ स्थान को भी बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। एक तरह से, यह परियोजना दक्षिणी बिहार को कोलकाता से जोड़ने वाली महत्वपूर्ण कड़ी बनेगी।
रोजगार और विकास: परियोजना का दोहरा लाभ
ये दोनों परियोजनाएं न केवल क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएंगी, बल्कि इनके निर्माण से बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। ये परियोजनाएं लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लाने और क्षेत्र के आर्थिक विकास को गति देने का काम करेंगी।