भारत ने अमेरिका के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो के रूस-भारत संबंधों पर दिए बयानों को गलत और भ्रामक बताया। विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि भारत-अमेरिका के रिश्ते काफी मजबूत हैं।
By: Ajay Tiwari
Sep 05, 2025just now
नई दिल्ली: स्टार समाचार वेब
भारत ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी और व्यापार सलाहकार पीटर नवारो के हालिया बयानों को कड़े शब्दों में खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ किया कि नवारो की टिप्पणियां न केवल गलत हैं, बल्कि गुमराह करने वाली भी हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच एक गहरी और व्यापक रणनीतिक साझेदारी है, जो साझा लोकतांत्रिक मूल्यों पर टिकी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस मजबूत रिश्ते को इस तरह के भ्रामक बयानों से प्रभावित नहीं किया जा सकता। जायसवाल ने एच-1बी वीजा और दोनों देशों के बीच व्यापारिक बातचीत पर भी सकारात्मक रुख व्यक्त किया।
क्या बोले थे पीटर नवारो?
पीटर नवारो ने हाल ही में भारत पर रूसी तेल खरीद को लेकर निशाना साधा था। उन्होंने आरोप लगाया था कि भारत रूसी तेल खरीदकर यूक्रेन संघर्ष को बढ़ावा दे रहा है और यूरोप, अफ्रीका और एशिया के बाजारों में इसे बेचकर भारी मुनाफा कमा रहा है। अपनी एक टिप्पणी में, उन्होंने यह दावा भी किया था कि इस व्यापार से केवल भारत के ब्राह्मण ही लाभ कमा रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया और अन्य मुद्दों पर भी दिया बयान
प्रवक्ता जायसवाल ने ब्लूमबर्ग की उस रिपोर्ट को भी गलत बताया, जिसमें दावा किया गया था कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक गुप्त पत्र भेजा है। उन्होंने क्वाड (QUAD) को आपसी हितों पर चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बताते हुए कहा कि इसका अगला शिखर सम्मेलन सदस्य देशों के परामर्श के बाद तय होगा। यूक्रेन संघर्ष पर, भारत ने हाल के शांति प्रयासों का स्वागत करते हुए जल्द से जल्द संघर्ष खत्म करने की अपनी पुरानी मांग को दोहराया।
विदेश मंत्रालय ने ऑस्ट्रेलिया में हुए हालिया भारत-विरोधी प्रदर्शनों पर भी चिंता व्यक्त की। प्रवक्ता ने बताया कि भारत के उच्चायोग और वाणिज्य दूतावास ऑस्ट्रेलियाई सरकार के संपर्क में हैं और उन्होंने प्रवासी भारतीयों की चिंताओं से अवगत कराया है। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार और विपक्ष के कई नेताओं ने देश की बहुसांस्कृतिक पहचान का समर्थन किया है और भारतीय समुदाय के योगदान को स्वीकार किया है।