जल जीवन मिशन के अंतर्गत अब सरकार ग्रामीणों से पेयजल योजना की लागत का हिस्सा वसूल करेगी। एससी-एसटी बहुल गांवों में 5% और सामान्य गांवों में 10% अंशदान लिया जाएगा। डिजिटल पेमेंट की सुविधा और कुछ वर्गों को छूट की व्यवस्था भी की गई है। सतना और मैहर के 1768 गांवों में योजना लागू।
By: Yogesh Patel
Jul 24, 202510:22 PM
हाइलाइट्स
सतना, स्टार समाचार वेब
जल जीवन मिशन के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में बनने वाली जल प्रदाय योजनाओं की लागत का खर्चा सरकार ग्रामीणों से वसूलेगी। इस संबंध में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी ने जनपद व जिला पंचायत सीईओं को एक पत्र जारी किया है। विभाग की प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी द्वारा जारी इस पत्र में कहा गया है कि जल प्रदाय योजनाओं में सामुदायिक अंशदान के रूप में अब ग्रामीणों से 5 से 10 प्रतिशत तक की राशि ली जाएगी। यह वसूली गांव की सामाजिक संरचना पर निर्भर करेगी। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी गांव में अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति की आबादी 50 प्रतिशत या उससे अधिक है, तो वहां योजना की कुल लागत का 5 प्रतिशत अंशदान इन परिवारों से लिया जाएगा। वहीं, अन्य गांवों में योजना लागत का 10 प्रतिशत हिस्सा बाकी सामान्य, पिछड़े वर्ग और अन्य गैर-एससी- एसटी परिवारों से वसूला जाएगा। पत्र में कहा गया है कि जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश में गांव-गांव तक पाइपलाइन के माध्यम से गुणवत्तायुक्त पेयजल पहुंचाने की दिशा में काम किया जा रहा है।
डिजिटल भुगतान व निगरानी की व्यवस्था
विभाग ने इस प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए डिजिटल भुगतान और निगरानी की व्यवस्था भी की गई है। ग्रामीण जन सहयोग की राशि अब घर बैठे डिजिटल प्लेटफॉर्म से जमा कर सकेंगे। भुगतान की रसीद स्वत: जनरेट होगी और सभी लेन-देन का रिकॉर्ड आॅनलाइन उपलब्ध रहेगा, प्रत्येक भुगतान का रिकार्ड स्वत: तैयार होगा। ग्राम पंचायतें और ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियां अपने क्षेत्र की वसूली की निगरानी आॅनलाइन कर सकेंगी। यह पूरी प्रक्रिया बैंक लिंकिंग एवं आॅनलाइन गेटवे के माध्यम से संचालित होगी जिससे वित्तीय लेन-देन सुरक्षित और प्रमाणिक रहेगा। जनसहयोग राशि की स्थिति को जनपद,जिला, राज्य स्तर पर रियल टाइम में देखा और मॉनिटर किया जा सकता है,उपभोक्त अपने घर बैठे डिजिटल माध्यम (यूपीआई,नेट बैकिंग आदि) से सहयोग राशि जमा कर सकते हैं,सभी गांवों, योजनाओं का डेटा एक ही प्लेटफार्म पर संग्रहित होगा जिससे एनालिसिस व रिपोर्टिंग आसान होगी।
कुछ परिवारों को मिलेगी छूट
जनसहयोग की राशि से छूट भी सरकार ने कुछ वर्गों को दी है,ऐसे परिवारों में वो परिवार शामिल है जिनके पास नियमित आय का स्रोत नहीं है। इसके साथ ही पत्र में स्पष्ट किया गया है कि यह राशि नए जल कनेक्शन की लागत में समाहित रहेगी और ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति इसे किस्तों में वसूल सकती है।
इनसे नहीं होगी वसूली
यूं तय होगी राशि
कौन लेगा
ऐसे ली जाएगी
यूं वसूली जाएगी राशि
दो जिले आठ जनपद 1768 गांव
सतना और मैहर जिले में संचालित पेयजल योजनओं की बात करें तो इन दो जिलों के आठ ब्लॉकों के 1768 गांवों में पेयजल योजना संचालित है।
ब्लॉकवार गांव