सतना और मैहर में मंगलवार को हुई जनसुनवाई में 168 लोग अपनी शिकायतें लेकर पहुँचे। सर्वाधिक आरोप पटवारियों और तहसीलदारों पर गोलमोल जवाब देने और कार्रवाई न करने के लगे। महिलाओं ने पति और ससुराल पर प्रताड़ना के आरोप लगाए, वहीं जमीन, आवास और योजनाओं से जुड़े कई मामले सामने आए।
By: Star News
Sep 10, 20253:36 PM
हाइलाइट्स:
सतना, स्टार समाचार वेब
हर सप्ताह मंगलवार को जन सुनवाई कर लोगों की समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया जा रहा है। बावजूद इसके लोगों का दर्द कम नहीं हो पा रहा है।
शिकायतें लगातार बढती जा रही हैं। जनसुनवाई में आए मामलों पर यदि नजर दौड़ाई जाए तो स्पष्ट होता है कि सर्वाधिक शिकायतें राजस्व अधिकारियों की जन शिकायतों को तवज्जो न देने की हैं। मंगलवार को सतना व मैहर कलेक्टेÑट में 168 लोग अपनी समस्याएं लेकर पहुंंचे। इनमें से सतना में 122 लोग कलेक्ट्रेट पहुंचे जिन्होंने पटवारी और तहसीलदार पर गंभीर आरोप लगाए, वहीं मैहर में 46 लोग अपनी समस्या लेकर पहुंचे जिनमें से पति और ससुराल से पीड़ित महिलाएं ज्यादा रहीं। जबकि नगर निगम सतना में 37 लोग अपनी समस्या लेकर पहुंचे।
पति पर मारपीट का आरोप
मैहर कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई में पहुंची सीमा पटेल ने अपने पति धर्मेन्द्र पटेल और उसके परिवार के सदस्यों पर मारपीट और प्रताड़ना का आरोप लगाया है। आवेदिका सीमा का आरोप है कि उसके पति और परिवार के सदस्य भरण पोषण नहीं दे रहे हैं।
पति ने की दूसरी शादी, पत्नी व बच्चों को घर से निकाला
इसी तरह मैहर में भी जनसुनवाई में पहुंचे आवेदिका शीतल कोल ने अपने पति अशोक कोल पर आरोप लगाया कि उसने दूसरे शादी कर ली है। मेरे साथ मारपीट करता है, मुझे और मेरे बच्चों को घर से निकाल दिया है।
ननि में पहुंचे 37 आवेदक
नगर निगम में महापौर योगेश ताम्रकार, स्पीकर राजेश चतुर्वेदी पालन एवं उपायुक्त सत्यम मिश्रा ने लोगों की समस्याएं सुनी। जनसुनवाई में 37 लोग अपनी समस्या लेकर पहुंचे जिसमें पीएम आवास की 12, जनकल्याणकारी योजनाएं और अतिक्रमण की 5-5, सम्पत्ति कर, विकास कार्य और सफाई की 4-4, पेयजल की 2 और सामान्य प्रशासन की 1 शिकायत आई।
पटवारी-तहसीलदार दे रहे गोलमोल जवाब
अहरी टोला निवासी नीलू सिंह भी अपनी फरियाद सुनाने जनसुनवाई में पहुंची जिन्होने बताया कि वे बीते कई महीनों से मौजा कूंची पटवारी हल्का कुशियरा आरआई सर्किल हाटी के पटवारी व नायब तहसीलदार के यहां आराजी क्र. 319 /1/1/ रकबा 0.514 समेत अन्य आराजियों (कुल किता 9 रकबा 2.713हे. )के सीमांकन के लिए चक्कर काट रही हैं, लेकिन उनके आवेदन पर कार्रवाई करने के बजाय लगातार गोल मोल जवाब दिया जा रहा है। नीलू ने कलेक्टर को दिए आवेदन में मांग की है कि जल्द से जल्द सीमांकन क राया जाय।
खत्म हो जाएगा चारागाह
जनसुनवाई में एक ऐसा मामला आया जो यह बताता है कि सरकारी स्तर पर जमीनें बिना सोचे समझे ही आवंटित कर दी जाती हैं। बांधी मौहार में ऐसा ही हुआ है जहां पहले से दो गौशालाओं की मौजूदगी के बावजूद तीसरी गौशाला बनाने की तैयारी की जा रही है। दीपक सिंह, नरेंद्र सिंह, दिनेश पाल समेत कई ग्रामीणों ने बताया कि उनके यहां शासकीय आराजी क्र. 1683 रकबा 58.158 हे. जमीन है जिस पर पहले ही दो गौशालाएं हैं। यदि तीसरी गौशाला भी यहीं बना दी गई तो गौवंशों के लिए चारागाह नहीं बचेगा। ग्रामीणों ने कहा है कि गौशाला का निर्माण कहीं अन्यत्र कराया जाय।
निजी आराजी को बना दी सरकारी
राजस्व अधिकारियों के कार्यालय के कई चक्कर काटने के बाद भी कोइी निवासी रामवती विश्वकर्मा को न्याय नहीं मिल पा रहा है। मामला निजी जमीन को सरकारी बना देने का है । बताया गया कि मौजा शिवसागर तहसील कोठी की आराजी नं. 47 को राजस्व अमले ने गफलत पूर्वक निजी से सरकारी कर दिया था जिसके लिए न्यायालय में विश्वकर्मा परिवार को लड़ाई लड़नी पड़ी, रामवती ने बताया कि न्यायालय के आदेश के बाद भी राजस्व अधिकारी न्यायालय के आदेश का पालन कर उसकी आराजी को सरकारी से निजी स्वामित्व में परिवर्तित करने के लिए तैयार नहीं है।