उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल को भारी फूल मालाएं पहनाने पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी पूरी। सुप्रीम कोर्ट की एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिशों के आधार पर मंदिर समिति जल्द नए नियमों का औपचारिक आदेश जारी करेगी।
By: Ajay Tiwari
Dec 04, 20253:30 PM
उज्जैन. धर्म डेस्क, स्टार समाचार वेब
ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल को भारी और बड़ी फूल मालाएं पहनाने पर रोक लगाने की तैयारी शुरू हो गई है। मंदिर प्रशासन ने उद्घोषणा कक्ष से लगातार घोषणाएं कर भक्तों को नए नियमों की जानकारी देना शुरू कर दिया है। भक्तों से अपील की जा रही है कि वे ‘अजगर माला’ जैसी 10–15 किलो वजनी बड़ी मालाएं खरीदने से बचें। जल्द ही मंदिर परिसर के आसपास स्थित फूल प्रसाद दुकानों को भी भारी मालाओं की बिक्री रोकने के निर्देश जारी किए जाएंगे।
गौरतलब है कि वर्ष 2017 में ज्योतिर्लिंग के क्षरण को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। इसके बाद कोर्ट ने एएसआई और जीएसआई के विशेषज्ञों की संयुक्त समिति गठित की थी, जिसने 2019 में निरीक्षण कर कई सुझाव दिए। इनमें भगवान को केवल छोटी फूल मालाएं और सीमित मात्रा में पुष्प अर्पित करने की सिफारिश शामिल थी।
पिछले कुछ समय से इन सुझावों का पालन नहीं हो रहा था और मंदिर में 500 से 2100 रुपए तक की 10–15 किलो वजनी अजगर मालाएं भक्तों द्वारा अर्पित की जा रही थीं। दुकानदारों द्वारा भी ऐसी भारी मालाओं की बड़ी मात्रा में बिक्री हो रही थी। मीडिया रिपोर्ट सामने आने के बाद मंदिर प्रशासन ने इस पर गंभीरता दिखाई और प्रतिबंध की दिशा में कदम बढ़ाया है।
महाकाल मंदिर में 10–15 किलो तक की भारी फूल मालाओं पर रोक लगाने की तैयारी।
सुप्रीम कोर्ट की एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिशों के अनुसार छोटी मालाएं और सीमित पुष्प अर्पण की व्यवस्था।
प्रवेश द्वार पर जांच—भारी मालाएं मंदिर परिसर में नहीं जा सकेंगी।
मंदिर प्रशासन दो दिनों में औपचारिक आदेश जारी करेगा, दुकानों को भी निर्देश दिए जाएंगे।
मंदिर प्रशासन ने बताया कि नई व्यवस्था लागू करने से पहले भक्तों को पर्याप्त जानकारी दी जा रही है ताकि अचानक रोक लगाने से किसी की धार्मिक भावना आहत न हो। एक-दो दिन में औपचारिक आदेश जारी कर दिए जाएंगे। नई व्यवस्था लागू होने के बाद मंदिर के प्रत्येक प्रवेश द्वार पर सुरक्षा कर्मचारी पूजन सामग्री की जांच करेंगे। किसी भी बड़ी या भारी फूल माला को मंदिर परिसर के भीतर ले जाने की अनुमति नहीं होगी और उसे गेट पर ही अलग रखवा दिया जाएगा।
* सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के आधार पर यह कदम उठाया जा रहा है और जल्द ही भारी तथा बड़ी फूल मालाओं पर पूर्ण रोक संबंधी आदेश जारी किए जाएंगे।
प्रथम कौशिक, प्रशासक मंदिर समिति