सतना के मझगवां क्षेत्र में छात्राएं स्कूल में पढ़ाई की जगह पानी ढोने को मजबूर हैं। नल-जल योजना कागजों तक सीमित, जिम्मेदारों पर सवाल खड़े।
By: Star News
Jul 02, 202514 hours ago
आदिवासी क्षेत्र के विद्यालयों के हाल-बेहाल, मझगवां में पानी ढोती नजर आईं मासूम छात्राएं
सतना, स्टार समाचार वेब
आदिवासी बाहुल्य मझगवां क्षेत्र में सरकार के शैक्षणिक उत्थान के तमाम दावों के बीच देश का भविष्य गढ़ने वाले बच्चे बाल्टी में पानी ढो रहे हैं। बीते दिनों मझगवां ब्लाक अंतर्गत गढ़ी घाट में टीनशेड में लग रहे विद्यालय का मामला समाने आने के बाद मंगलवार को मझगवां के गायत्री मोहल्ला स्थित शासकीय प्राथमिक कन्या शाला मझगवां की छात्राएं विद्यालय में पदस्थ शिक्षको व छात्राओं का गला तर करने बाल्टी में पानी ढोती नजर आई। बाल्टी भी इतनी भारी कि यदि एक बच्चे के हाथ से बाल्टी फिसल जाय तो उन्हें चोट पहुंच सकती है। जिस शासकीय प्राथमिक कन्या शाला मझगवां की छात्राओं के हाथ में कलम व पुस्तक होनी चाहिए थी उन छात्राओं के हाथ में पानी से भरी भारी बाल्टी देखकर लोगों का मन 'भर' आया। मझगवां का यह नजारा बताता है कि पिछड़े इलाकों में अभी भी छात्रों के लिए शिक्षा हासिल करना कितना कठिन है। हालंकि इस मामले में जब मझगवां विकासखंड के विद्यालयों को संसाधन मुहैया कराने का जिम्मा उठाने वाले ब्लाक रिसोर्स को-आर्डिनेटर का कहना है कि विद्यालय में नल-जल का कनेक्शन हैं, हालंकि मौके पर पहुंचने पर पाया गया कि कनेक्शन केवल औपचारिकता है।
प्राथमिक विद्यालय के छात्रों की आयु बेहद कम होती है, जिनसे बाल्टी से पानी ढोने जैसा मेहनत का काम कराना बालश्रम की श्रेणी में आता है। मंगलवार को बालश्रम की शिक्षा, अभिभावकों में नाराजगी यह तस्वीर सामने आते ही विद्यालय के शिक्षकों की इस बेपरवाही से अभिभावकों के बीच नाराजगी देखी गई। उनका कहना है कि क्या वे अपने बच्चों को बालश्रम की शिक्षा लेने के लिए सरकारी स्कूलों में भेज रहे हैं?
विद्यालय भी जर्जर, टायलेट तक नहीं
जिस विद्यालय की छात्राएं पानी ढो रही हैं, वह मझगवां का सबसे पुराना विद्यालय है जिसका भवन इस कदर जर्जर हो चुका है कि वह बरसात में कभी भी हादसे का सबब बन सकता है, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया है जबकि ग्राम पंचायत के विद्यालय में अध्यनरत छात्राओं के भविष्य व सुरक्षा को लेकर मझगवां सरंपच द्वारा कई बार बीआरसी के अलावा एसडीएम को भी अवगत कराया जा चुका है। शासकीय प्राथमिक कन्या विद्यालय में पानी तो दूर छात्राओ के लिए शौचालय तक नहीं है।
देखिए, जहां तक मेरी जानकारी है विद्यालय में नल-जल योजना के जरिए कनेक्शन कराया जा चुका है। हो सकता है कि कोई तकनीकी फाल्ट होने के कारण पानी नहीं आया। जानकारी लेकर ही कुछ कहा जा सकेगा।
जितेंद्र मणि त्रिपाठी, बीआरसी मझगवां
कई बार विद्यालय की बदहाली से अवगत कराया लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा है। यह हमारी पंचायत का सबसे पुराना स्कूल है लेकिन पानी की व्यवस्था नहीं है, और मासूम छात्राएं जान हथेली पर लेकर अध्ययन करने पहुंचती है। आला अधिकारियों से आग्रह है कि वे ध्यान दें।
संपतिया देवी, सरपंच, ग्राम पंचायत मझगवां