सीएम डॉ. मोहन यादव ने 2 साल की उपलब्धियों में नक्सलवाद पर पूर्ण नियंत्रण, 800 करोड़ की शिप्रा शुद्धिकरण योजना और इंदौर-भोपाल मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र विकास को प्रमुख बताया। स्वास्थ्य क्षेत्र में प्राइवेट से अधिक वेतन देने की घोषणा।
By: Ajay Tiwari
Dec 12, 20255:13 PM
भोपाल. स्टार समाचार वेब
मध्य प्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार ने 13 दिसंबर को अपने दो साल पूरे होने के उपलक्ष्य में भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस दौरान सरकार की उपलब्धियों को साझा किया और ‘विकास और सेवा के दो वर्ष’ नामक पुस्तक का विमोचन किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति को सबसे बड़ी चुनौती बताया, खासकर छत्तीसगढ़ से लगे मंडला, बालाघाट और डिंडोरी क्षेत्रों में नक्सलवाद की समस्या को। उन्होंने उस दौर को याद किया जब ये इलाके समानांतर सत्ता, समानांतर कोर्ट और समानांतर थानों से प्रभावित थे, और पुलिसकर्मियों की हत्या जैसी दुखद घटनाएं होती थीं।
उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा तय की गई डेडलाइन और पुलिस अधिकारियों के सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि आज नक्सली समस्या खत्म करना प्रदेश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। मुख्यमंत्री ने इस सफलता के लिए जवानों और आम नागरिकों के बलिदान को सलाम किया और सिस्टम को इतना मजबूत बनाने की बात कही ताकि यह समस्या दोबारा न पनप सके।
नक्सलवाद का खात्मा: मंडला, बालाघाट और डिंडोरी से नक्सली समस्या को खत्म करना सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि।
शिप्रा नदी शुद्धिकरण: उज्जैन में सिंहस्थ के लिए शिप्रा नदी में स्नान सुनिश्चित करने हेतु ₹800 करोड़ की योजना।
स्वास्थ्य में वेतन वृद्धि: एक्सपर्ट डॉक्टरों को आकर्षित करने के लिए प्राइवेट सेक्टर से ज्यादा वेतन देने की घोषणा।
शहरी विकास: इंदौर, उज्जैन, भोपाल सहित 5 शहरों को मेट्रोपॉलिटन सिटी घोषित; इंदौर/भोपाल मेट्रो का परिचालन जल्द।
नदी जोड़ो अभियान और धार्मिक स्थलों का विकास
मुख्यमंत्री ने नदी जोड़ो अभियान को सिंचाई के रकबे में तेजी से वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने पार्वती, कालीसिंध और चंबल नदी को राजस्थान और मध्य प्रदेश में परस्पर सौहार्द के तहत जोड़ने की योजना से दोनों राज्यों को मिलने वाली राहत का जिक्र किया।
धार्मिक विकास पर बोलते हुए सीएम ने बताया कि उज्जैन की शिप्रा नदी में स्नान की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए 800 करोड़ रुपए की योजना बनाई गई है, जिससे आगामी सिंहस्थ में साधु-संत शिप्रा के जल से स्नान कर सकेंगे। इसके अलावा, गंभीर और खान नदी को टनल बनाकर जोड़ने का राज्य के अंदर नदी जोड़ो अभियान भी शुरू किया गया है।
स्वास्थ्य क्षेत्र में विशेषज्ञों की कमी को देखते हुए सीएम ने बड़ा बयान दिया: "हम प्राइवेट सेक्टर से ज्यादा वेतन देकर एक्सपर्ट डॉक्टरों को सरकारी सेवाओं में आगे लाएंगे।" उन्होंने कहा कि तेज गति से खुल रहे मेडिकल कॉलेजों के लिए मैनपॉवर आवश्यक है।
शहरी विकास को गति देने के लिए, सरकार ने मध्यप्रदेश महानगर क्षेत्र नियोजन एवं विकास अधिनियम 2025 को मंजूरी दी है, जिसके तहत इंदौर, उज्जैन, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर को मेट्रोपॉलिटन सिटी घोषित किया गया है। इंदौर-उज्जैन-देवास-धार और भोपाल-सीहोर-रायसेन-विदिशा-ब्यावरा को दो बड़े मेट्रोपॉलिटन क्षेत्रों के रूप में विकसित किया जाएगा। इंदौर मेट्रो का परिचालन मई 2025 और भोपाल मेट्रो का परिचालन दिसंबर 2025 में शुरू होगा।
अन्य प्रमुख उपलब्धियों में भोपाल गैस त्रासदी के कचरे का निष्पादन, इंदौर की हुकुम चंद मिल के उलझे मामले का निराकरण, सागर में खाद का कारखाना शुरू करना और भोपाल में जीआईएस सुविधा लागू करना शामिल है।
उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने सरकार के दो साल के कार्यकाल को दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रतीक बताते हुए कहा कि विकास और विरासत दोनों पर विशेष ध्यान दिया गया है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने इन दो वर्षों को अच्छे शासन, पारदर्शिता और त्वरित निर्णयों के लिए जाना बताया। हालांकि, प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सीएस अनुराग जैन की अनुपस्थिति पर मीडिया के सवाल का जवाब हल्के-फुल्के अंदाज में देते हुए कहा कि "मैं थोड़ा टेढ़ा आदमी हूं। मैं यहां बैठा हूं, सीएस वल्लभ भवन में बैठे हैं।" सीएम द्वारा दो बार डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा को गृह मंत्री बोल जाने के बाद राजनीतिक गलियारों में इसके मायने भी निकाले जा रहे हैं।