मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को मंत्रालय स्थित स्टेट सिचुएशन रूम से प्रदेश में हो रही वर्षा से उपजी परिस्थितियों एवं अनंत चतुर्दशी पर्व पर गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन की व्यवस्थाओं की जानकारी ली।
By: Star News
Sep 06, 202540 minutes ago
भोपाल के कार्मल कॉन्वेंट स्कूल में 6वीं कक्षा की छात्रा ने स्कूल की पहली मंजिल से छलांग लगा दी। जानें क्या थी घटना की वजह और क्या है छात्रा की स्थिति। परीक्षा के तनाव और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी अहम खबर।
By: Star News
Sep 06, 20253 hours ago
अनूपपुर जिले के सकरिया गांव में भैयालाल रजक की हत्या का पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया। मृतक की पत्नी मुन्नी बाई, उसके प्रेमी नारायणदास और मजदूर धीरज कोल ने मिलकर हत्या की थी। शव को बोरे और कंबल में लपेटकर कुएं में फेंका गया था।
By: Star News
Sep 06, 20253 hours ago
सिंगरौली जिले के सरई थाना क्षेत्र में पुष्पेंद्र शाह की हत्या का एक माह बाद भी खुलासा नहीं हुआ। डीएनए रिपोर्ट में पहचान की पुष्टि के बावजूद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया। आक्रोशित परिजनों ने थाना गेट पर नर कंकाल रखकर विरोध किया।
By: Star News
Sep 06, 20253 hours ago
देश के साथ ही मध्यप्रदेश में भी आवारा कुत्तों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। इससे लोगों में शासन-प्रशासन के खिलाफ आक्रोश पनप रहा है। दरअसल, सिवनी जिले के समनापुर गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया।
By: Arvind Mishra
Sep 06, 20254 hours ago
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को मंत्रालय स्थित स्टेट सिचुएशन रूम से प्रदेश में हो रही वर्षा से उपजी परिस्थितियों एवं अनंत चतुर्दशी पर्व पर गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन की व्यवस्थाओं की जानकारी ली।
By: Star News
Sep 06, 202540 minutes ago
भोपाल के कार्मल कॉन्वेंट स्कूल में 6वीं कक्षा की छात्रा ने स्कूल की पहली मंजिल से छलांग लगा दी। जानें क्या थी घटना की वजह और क्या है छात्रा की स्थिति। परीक्षा के तनाव और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी अहम खबर।
By: Star News
Sep 06, 20253 hours ago
अनूपपुर जिले के सकरिया गांव में भैयालाल रजक की हत्या का पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया। मृतक की पत्नी मुन्नी बाई, उसके प्रेमी नारायणदास और मजदूर धीरज कोल ने मिलकर हत्या की थी। शव को बोरे और कंबल में लपेटकर कुएं में फेंका गया था।
By: Star News
Sep 06, 20253 hours ago
सिंगरौली जिले के सरई थाना क्षेत्र में पुष्पेंद्र शाह की हत्या का एक माह बाद भी खुलासा नहीं हुआ। डीएनए रिपोर्ट में पहचान की पुष्टि के बावजूद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया। आक्रोशित परिजनों ने थाना गेट पर नर कंकाल रखकर विरोध किया।
By: Star News
Sep 06, 20253 hours ago
देश के साथ ही मध्यप्रदेश में भी आवारा कुत्तों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। इससे लोगों में शासन-प्रशासन के खिलाफ आक्रोश पनप रहा है। दरअसल, सिवनी जिले के समनापुर गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया।
By: Arvind Mishra
Sep 06, 20254 hours ago
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की नई प्रमोशन पॉलिसी में आरक्षण के प्रावधान पर लगाई रोक। सपाक्स संघ की याचिका पर 15 जुलाई को अगली सुनवाई। जानें 2016 से लंबित पदोन्नति प्रक्रिया पर क्या होगा असर।
By: Ajay Tiwari
Jul 07, 20254:42 PM
3
0
जबलपुर. स्टार समाचार वेब
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की हाल ही में जारी की गई नई प्रमोशन नीति (पदोन्नति नीति) में दिए गए आरक्षण के प्रावधान पर फिलहाल रोक (क्रियान्वन) लगा दी है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि जब तक मामले की अगली सुनवाई नहीं होती, तब तक राज्य सरकार नए नियमों के तहत पदोन्नति में आरक्षण लागू नहीं कर सकेगी। यह महत्वपूर्ण आदेश सोमवार (7 जुलाई 2025) को सपाक्स संघ द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने जारी किया।
सुप्रीम कोर्ट में लंबित है आरक्षण का मामला: याचिकाकर्ता की दलील
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सुयश मोहन गुरु ने कोर्ट में दलील पेश करते हुए बताया कि पदोन्नति में आरक्षण से जुड़ा मूल मामला पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। ऐसे में, राज्य सरकार को नई नीति के तहत आरक्षण लागू करने का अधिकार नहीं है, क्योंकि यह न्यायिक प्रक्रिया का उल्लंघन होगा। हाईकोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए राज्य सरकार से एक सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। इस मामले पर अगली सुनवाई 15 जुलाई को निर्धारित की गई है।
9 साल बाद बनी थी नई प्रमोशन नीति, सपाक्स ने दी चुनौती
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश सरकार ने जून 2025 में, लगभग 9 साल के लंबे अंतराल के बाद, अपनी नई प्रमोशन पॉलिसी लागू की थी। इस नीति में पदोन्नति में आरक्षण का प्रावधान भी जोड़ा गया था, जिससे विवाद खड़ा हो गया। सपाक्स संघ (सामान्य, पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण समाज) ने इस नीति को हाईकोर्ट में तीन अलग-अलग याचिकाओं के माध्यम से चुनौती दी है। याचिकाकर्ता का तर्क है कि यह नई नीति संविधान के प्रावधानों के खिलाफ है और इसका कोई उचित औचित्य नहीं है।
सरकार ने मांगा था समय, कोर्ट ने स्पष्ट किया स्टे
सुनवाई के दौरान, हाईकोर्ट पहले इस नियम पर सीधा स्थगन आदेश (स्टे) देने के पक्ष में दिख रहा था। हालांकि, राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि सरकार फिलहाल इस नियम को लागू नहीं करेगी और उन्हें इस मामले में जवाब दाखिल करने के लिए कुछ समय चाहिए। इसके बावजूद, कोर्ट ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए आदेश दिया कि अगली सुनवाई तक कोई भी पदोन्नति आरक्षण के आधार पर नहीं की जाएगी, जिससे सरकार के लिए नई नीति लागू करना फिलहाल संभव नहीं होगा।
2016 से रुकी है पदोन्नति प्रक्रिया
यह भी उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की पदोन्नति की प्रक्रिया साल 2016 से रुकी हुई है। इसकी मुख्य वजह यह थी कि उस समय भी पदोन्नति में आरक्षण का मसला सुप्रीम कोर्ट में लंबित था। राज्य सरकार ने उस दौरान एक विशेष अनुमति याचिका (SLP) दाखिल की थी, जिसके परिणामस्वरूप पदोन्नति पर रोक लग गई थी। अब 9 साल बाद बनी नई नीति पर भी कोर्ट की रोक लग जाने से कर्मचारियों को पदोन्नति के लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता है।