2025 में बदला NPS का चेहरा, रिटायरमेंट प्लानिंग हुई ज्यादा लचीली
बिजनेस डेस्क. स्टार समाचार वेब
रिटायरमेंट प्लानिंग को लेकर यह शिकायत आम रही है कि नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में पैसा फंसा रहता है, नियम कड़े हैं और विकल्प सीमित हैं। लेकिन साल 2025 में पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) द्वारा किए गए बड़े सुधारों के बाद NPS की यह पारंपरिक छवि पूरी तरह बदल गई है। नए नियमों के साथ अब NPS आधुनिक निवेशकों के लिए एक ज्यादा लचीला, व्यावहारिक और आकर्षक रिटायरमेंट विकल्प बनकर उभरा है।
कैश निकाली से जुड़ा बदलाव
सबसे अहम बदलाव रिटायरमेंट पर कैश निकासी से जुड़ा है। अब नॉन-गवर्नमेंट सब्सक्राइबर्स, जिनका कुल NPS कॉर्पस 12 लाख रुपये से अधिक है, वे रिटायरमेंट के समय 80 प्रतिशत तक रकम एकमुश्त निकाल सकेंगे। पहले यह सीमा 60 प्रतिशत थी और शेष 40 प्रतिशत से एन्युटी खरीदना अनिवार्य था, जिसका रिटर्न अपेक्षाकृत कम रहता था। नए नियम से निवेशकों को अपने पैसे पर ज्यादा नियंत्रण मिलेगा।
सरकार ने उठाए राहत भरे कदम
छोटे कॉर्पस वाले निवेशकों के लिए भी सरकार ने राहत भरे कदम उठाए हैं। यदि किसी निवेशक का कुल NPS कॉर्पस 8 लाख रुपये से कम है तो वह पूरी 100 प्रतिशत राशि निकाल सकता है। वहीं 8 से 12 लाख रुपये के बीच कॉर्पस रखने वालों को आंशिक लंपसम, सिस्टमैटिक यूनिट रिडेम्पशन (SUR) और एन्युटी जैसे कई विकल्प दिए गए हैं। इससे छोटे और मझोले निवेशकों की जरूरतों को बेहतर तरीके से पूरा किया जा सकेगा।
आय का नया जरिया बनकर आया
NPS में जोड़ा गया सिस्टमैटिक यूनिट रिडेम्पशन (SUR) विकल्प रिटायरमेंट के बाद नियमित आय का नया जरिया बनकर सामने आया है। इसके तहत निवेशक अपनी जमा राशि को एक साथ निकालने के बजाय महीने या तिमाही आधार पर धीरे-धीरे निकाल सकते हैं। इससे नियमित कैश फ्लो बना रहता है और बाजार के उतार-चढ़ाव का जोखिम भी कम होता है।
बड़ा बदलाव उम्र सीमा को लेकर
निवेशकों के लिए एक और बड़ा बदलाव उम्र सीमा को लेकर किया गया है। अब NPS में निवेश करने की अधिकतम उम्र 75 साल से बढ़ाकर 85 साल कर दी गई है। इसका लाभ उन लोगों को मिलेगा जो 60 साल के बाद भी काम कर रहे हैं या अपनी पेंशन को लंबे समय तक निवेश में बनाए रखना चाहते हैं।
NPS में 100 प्रतिशत तक इक्विटी में निवेश
अक्टूबर 2025 से प्राइवेट और सेल्फ-एम्प्लॉयड निवेशकों को NPS में 100 प्रतिशत तक इक्विटी में निवेश करने का विकल्प भी मिलेगा। पहले इक्विटी एक्सपोजर की अधिकतम सीमा 75 प्रतिशत थी। यह बदलाव खास तौर पर युवाओं और लंबी अवधि के निवेशकों के लिए फायदेमंद माना जा रहा है, जो ज्यादा रिटर्न की तलाश में रहते हैं।
नए एसेट क्लास भी जोड़े गए
इसके अलावा NPS के तहत नए एसेट क्लास भी जोड़े गए हैं। अब NPS फंड्स सीमित मात्रा में गोल्ड ETF, REITs, IPO और AIFs में निवेश कर सकेंगे। साथ ही 5 साल का लॉक-इन हटाया गया है, NPS पर लोन की सुविधा दी गई है और नॉमिनी से जुड़े नियमों को भी ज्यादा सुरक्षित बनाया गया है। इन सभी सुधारों के बाद NPS अब सिर्फ एक पेंशन स्कीम नहीं, बल्कि एक आधुनिक और मल्टी-ऑप्शन रिटायरमेंट निवेश टूल बन चुका है।






