पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में एक 49 वर्षीय दृष्टिबाधित ईसाई व्यक्ति नदीम मसीह को ईशनिंदा के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने के आरोप में उन पर पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 295-सी के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह आरोप साबित होने पर उन्हें मौत की सज़ा हो सकती है। उनके वकील ने प्राथमिकी में विसंगतियों का हवाला देते हुए ज़मानत की उम्मीद जताई है।
By: Ajay Tiwari
Nov 03, 20254:27 PM
पंजाब(पाकिस्तान). स्टार समाचार
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में, 49 वर्षीय एक दृष्टिबाधित ईसाई व्यक्ति, नदीम मसीह, को ईशनिंदा के गंभीर आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने रविवार को इस गिरफ्तारी की पुष्टि की। मसीह पर पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने का आरोप लगाया गया है। पुलिस अधिकारी मुहम्मद याकूब के अनुसार, उन्हें हाल ही में लाहौर के मॉडल टाउन पार्क से गिरफ्तार किया गया। पुलिस को एक पार्किंग ठेकेदार ने इस अपमान की शिकायत की थी। नदीम मसीह पर पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 295-सी के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस धारा के तहत, आरोप सिद्ध होने पर मौत की सज़ा का प्रावधान है।
मसीह के वकील, जावेद सहोत्रा, ने इस मामले में जमानत मिलने की उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा है कि दर्ज की गई प्राथमिकी (FIR) में बड़ी विसंगतियां हैं, जिन्हें अदालत में चुनौती दी जाएगी। यदि निचली अदालत से राहत नहीं मिलती है, तो सहोत्रा लाहौर उच्च न्यायालय का रुख करेंगे। सहोत्रा ने यह भी दावा किया है कि मसीह, जिसके दाहिने पैर में लोहे की रॉड लगी है, को पुलिस हिरासत में प्रताड़ित किया गया है।
मसीह की मां के अनुसार, उनके बेटे को एक पार्किंग ठेकेदार और उसके साथियों द्वारा अक्सर परेशान किया जाता था। उन्होंने बताया कि ठेकेदार का मसीह के साथ पैसों को लेकर विवाद था, जिसके कारण उनके खिलाफ ईशनिंदा का झूठा आरोप लगाया गया।
यह मामला एक बार फिर पाकिस्तान के कठोर ईशनिंदा कानूनों के दुरुपयोग को उजागर करता है। मानवाधिकार विशेषज्ञों का मानना है कि इन कानूनों का इस्तेमाल अक्सर धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने और व्यक्तिगत या आर्थिक विवादों को निपटाने के लिए एक हथियार के रूप में किया जाता रहा है।