12 अक्टूबर 2025 (रविवार) का संपूर्ण पंचांग। तिथि, नक्षत्र, योग, करण, सूर्योदय, सूर्यास्त, राहुकाल, शुभ-अशुभ मुहूर्त और दिशा शूल की विस्तृत जानकारी प्राप्त करें।
By: Ajay Tiwari
Oct 12, 20257 hours ago
स्टार समाचार वेब. धर्म डेस्क
हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले पंचांग देखना आवश्यक माना जाता है। पंचांग, काल गणना के पांच प्रमुख अंगों - तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण की विस्तृत जानकारी देता है। 12 अक्टूबर 2025, रविवार के दिन का संपूर्ण पंचांग निम्नलिखित है:
तिथि एवं मास (Tithi and Month)
मास (Month): कार्तिक
पक्ष (Paksha): कृष्ण पक्ष
तिथि (Tithi): षष्ठी (Shashti)
समाप्ति समय: दोपहर 02 बजकर 16 मिनट तक (इसके उपरांत सप्तमी तिथि आरंभ)
वार (Day): रविवार (Raviwara)
विक्रम संवत (Vikram Samvat): 2082 (कालयुक्त)
शक संवत (Shaka Samvat): 1947 (विश्वावसु)
ऋतु (Ritu): शरद
सूर्य और चंद्र गणना (Sun and Moon Calculation)
सूर्योदय (Sunrise): प्रातः 06 बजकर 19 मिनट (दिल्ली के समय के अनुसार, अन्य स्थानों के लिए थोड़ा भिन्न हो सकता है)
सूर्यास्त (Sunset): सायं 05 बजकर 54 मिनट (दिल्ली के समय के अनुसार, अन्य स्थानों के लिए थोड़ा भिन्न हो सकता है)
चंद्र राशि (Moon Sign): मिथुन (Mithuna)
सूर्य राशि (Sun Sign): कन्या (Kanya)
चंद्रोदय (Moonrise): रात्रि 10 बजकर 01 मिनट
चंद्रास्त (Moonset): अगले दिन (13 अक्टूबर) प्रातः 11 बजकर 32 मिनट
नक्षत्र (Nakshatra)
नक्षत्र (Nakshatra): मृगशिरा (Mrigashira)
समाप्ति समय: दोपहर 01 बजकर 36 मिनट तक (इसके उपरांत आर्द्रा नक्षत्र आरंभ)
योग और करण (Yoga and Karana)
योग (Yoga): वरीयान (Variyana)
समाप्ति समय: प्रातः 10 बजकर 55 मिनट तक (इसके उपरांत परिघ योग आरंभ)
प्रथम करण (First Karana): वणिज (Vanija)
समाप्ति समय: दोपहर 02 बजकर 16 मिनट तक
द्वितीय करण (Second Karana): विष्टि (Vishti)
समाप्ति समय: देर रात 01 बजकर 15 मिनट (13 अक्टूबर) तक
शुभ एवं अशुभ मुहूर्त (Auspicious and Inauspicious Timings)
अशुभ समय (Inauspicious Timings)
दिशा शूल (Disha Shoola)
दिशा शूल: पश्चिम (West)
रविवार के दिन पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। यदि बहुत आवश्यक हो तो दलिया (porridge) या घी खाकर घर से निकलें।
12 अक्टूबर 2025 का ज्योतिषीय महत्व
12 अक्टूबर 2025, रविवार का दिन है। रविवार का दिन भगवान सूर्यदेव को समर्पित होता है। इस दिन सूर्यदेव की उपासना और अर्घ्य देने का विशेष महत्व है।
व्रत/त्योहार: इस दिन कोई बड़ा व्रत या त्योहार नहीं है।
विशेष योग: इस दिन रवि योग दोपहर 01 बजकर 36 मिनट से अगले दिन सूर्योदय तक रहेगा। रवि योग को एक शुभ योग माना जाता है, जिसमें किए गए कार्य सफल होते हैं और अमंगल दूर होता है।
निष्कर्ष
पंचांग का यह विवरण किसी भी शुभ कार्य को आरंभ करने से पहले समय की गणना में सहायक है। किसी भी महत्वपूर्ण कार्य को आरंभ करने से पहले शुभ मुहूर्त और राहुकाल का ध्यान अवश्य रखें। यह पंचांग एक सामान्य जानकारी है, स्थान विशेष के लिए सटीक समय में मामूली अंतर हो सकता है।