केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी का यूपी भाजपा अध्यक्ष बनना तय, निर्विरोध नामांकन दाखिल किया। ओबीसी कुर्मी बिरादरी के 7 बार के सांसद चौधरी पर भाजपा ने आगामी चुनावों को देखते हुए कुर्मी वोट साधने के लिए दांव लगाया है।
By: Ajay Tiwari
Dec 13, 20253:57 PM
लखनऊ. स्टार समाचार वेब
केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी का उत्तर प्रदेश भाजपा के नए अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुना जाना तय हो गया है। नामांकन दाखिल करने की समय-सीमा दोपहर 3 बजे तक थी, और चूंकि चौधरी के अलावा किसी अन्य उम्मीदवार ने नामांकन दाखिल नहीं किया, इसलिए उनका निर्विरोध निर्वाचन सुनिश्चित हो गया है। मोदी-शाह के करीबी माने जाने वाले चौधरी ने आज राजधानी लखनऊ स्थित भाजपा कार्यालय में अपना नामांकन दाखिल किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक समेत दस वरिष्ठ नेताओं ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा। नए अध्यक्ष के नाम की औपचारिक घोषणा अब रविवार को लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल करेंगे, जो इस प्रक्रिया के लिए विनोद तावड़े के साथ लखनऊ पहुंचे थे।

महाराजगंज से सात बार के सांसद पंकज चौधरी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह क्षेत्र गोरखपुर से संबंध रखते हैं। वह ओबीसी कुर्मी बिरादरी से आते हैं। मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने नामांकन से पहले ही बिना नाम लिए संकेत दिया था कि नए अध्यक्ष 7 बार के सांसद हैं और अपने समाज में लोकप्रिय हैं, जिसका स्पष्ट इशारा पंकज चौधरी की ओर था। चौधरी ने पार्षद से राजनीति की शुरुआत की थी और गोरखपुर के डिप्टी मेयर भी रहे।
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राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि पंचायत और आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए, भाजपा ने ओबीसी कुर्मी समाज से आने वाले चौधरी पर दांव लगाया है। कुर्मी समाज की आबादी यादवों के बाद यूपी में सबसे अधिक है और इसे भाजपा का मजबूत वोट बैंक माना जाता रहा है। हालांकि, हाल ही के लोकसभा चुनाव में इस समाज का एक हिस्सा पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) के नाम पर सपा के साथ चला गया था। इस ध्रुवीकरण को देखते हुए, भाजपा कुर्मी वोटों को संगठित रखने के लिए यह कदम उठाया है। पंकज चौधरी भाजपा के चौथे कुर्मी जाति के अध्यक्ष होंगे; इससे पहले विनय कटियार, स्वतंत्र देव सिंह और ओम प्रकाश सिंह इस पद पर रह चुके हैं। संगठन की कमान चौधरी को सौंपने के पीछे यह भी राजनीतिक मायने हैं कि गोरखपुर की राजनीति में योगी (सरकार) और पंकज चौधरी (संगठन) दो बड़े क्षत्रप के रूप में संतुलन स्थापित करेंगे।