7 नवम्बर को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस क्यों मनाया जाता है? कैंसर के लक्षण, रोकथाम के उपाय और शीघ्र पहचान के महत्व के बारे में विस्तार से जानें।
By: Ajay Tiwari
Nov 04, 20255:02 PM
भारत में हर साल 7 नवम्बर को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस (National Cancer Awareness Day) मनाया जाता है। इस पहल की शुरुआत तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने वर्ष 2014 में की थी। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य देश में कैंसर के बढ़ते मामलों के बारे में जनता के बीच जागरूकता बढ़ाना और लोगों को इसके शीघ्र पता लगाने (early detection) और रोकथाम के उपायों के लिए प्रेरित करना है। 7 नवम्बर की तारीख का चयन इसलिए किया गया क्योंकि यह नोबेल पुरस्कार विजेता प्रसिद्ध वैज्ञानिक मैडम क्यूरी का जन्मदिन भी है। मैडम क्यूरी ने रेडियम और पोलोनियम की खोज की थी, जिन्होंने कैंसर के इलाज में रेडिएशन थेरेपी (Radiation Therapy) का मार्ग प्रशस्त किया। यह दिवस उनके वैज्ञानिक योगदान को श्रद्धांजलि भी देता है।
कैंसर बीमारियों का एक बड़ा समूह है जिसमें शरीर की कोशिकाएँ अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और सामान्य सीमाओं से परे जाकर शरीर के आस-पास के हिस्सों पर आक्रमण करती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, कैंसर वैश्विक स्तर पर मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है, और भारत में भी इसके मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। भारत में सबसे आम कैंसरों में पुरुषों में फेफड़े, मुख और कोलोरेक्टल कैंसर, जबकि महिलाओं में स्तन, गर्भाशय ग्रीवा और फेफड़े के कैंसर शामिल हैं। इस बीमारी के बढ़ते बोझ के कारण राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस जैसे आयोजनों की महत्ता कई गुना बढ़ जाती है, ताकि लोग इस जानलेवा बीमारी के प्रति सचेत हों।
कैंसर से लड़ने में रोकथाम और शुरुआती पहचान सबसे महत्वपूर्ण हैं। कैंसर के लगभग एक तिहाई मामलों को जीवनशैली में बदलाव लाकर रोका जा सकता है। धूम्रपान और तंबाकू उत्पादों का सेवन न करना, स्वस्थ आहार (फल और सब्ज़ियाँ) लेना, नियमित शारीरिक गतिविधि करना, और शराब का सेवन सीमित करना रोकथाम के मुख्य उपाय हैं। जागरूकता दिवस का एक प्रमुख संदेश यह भी है कि लोगों को कैंसर के शुरुआती लक्षणों, जैसे - शरीर में असामान्य गांठ, लंबे समय तक खांसी या आवाज़ में बदलाव, या अस्पष्टीकृत रक्तस्राव - को पहचानना सिखाया जाए। कई तरह के कैंसर, जैसे स्तन, मुख और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर, की जाँच (स्क्रीनिंग) निःशुल्क जाँच शिविरों या स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से आसानी से की जा सकती है।
राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस केवल जानकारी देने का दिन नहीं है, बल्कि यह एक सामूहिक प्रयासों के संकल्प का दिन है।यह दिन स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों, सरकारी एजेंसियों, गैर-लाभकारी समूहों और व्यक्तियों को एक साथ लाकर कैंसर के खिलाफ एकजुट लड़ाई को बढ़ावा देता है। यह लोगों को यह याद दिलाता है कि कैंसर एक कलंक नहीं है, बल्कि एक उपचार योग्य बीमारी है, बशर्ते इसका पता समय पर चले। कैंसर रोगियों और उनके परिवारों के प्रति सहानुभूति और समर्थन का वातावरण बनाना भी इस दिवस का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है। शिक्षा, समय पर जाँच और उचित उपचार तक पहुँच सुनिश्चित करके ही हम कैंसर मुक्त भविष्य की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।