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सरदार पटेल: एकीकरण के शिल्पकार को याद करने का दिन

31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है? जानें लौह पुरुष के योगदान, एकता के महत्व और 'रन फॉर यूनिटी' सहित अन्य आयोजनों के बारे में।

By: Ajay Tiwari

Oct 27, 20254:11 PM

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सरदार पटेल: एकीकरण के शिल्पकार को याद करने का दिन

राष्ट्रीय एकता दिवस: 31 अक्टूबर 

31 अक्टूबर को भारत के लौह पुरुष (Iron Man of India), सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन राष्ट्र के पहले गृह मंत्री और उप-प्रधानमंत्री सरदार पटेल के अखंड भारत के निर्माण में दिए गए अद्वितीय योगदान को याद करने और देश की एकता, अखंडता तथा सुरक्षा को बनाए रखने की हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करने का प्रतीक है।

सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद में हुआ था। वह स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी नेता थे। आजादी के बाद, जब देश को 500 से अधिक रियासतों को भारतीय संघ में शामिल करने की जटिल चुनौती का सामना करना पड़ा, तो सरदार पटेल ने अपनी दूरदर्शिता, दृढ़ इच्छाशक्ति और कूटनीति का परिचय दिया। उन्होंने अधिकांश रियासतों को शांतिपूर्ण ढंग से भारतीय संघ में विलय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे भारत का वर्तमान भौगोलिक और राजनीतिक स्वरूप संभव हो पाया। उनकी इसी असाधारण उपलब्धि के कारण उन्हें 'लौह पुरुष' और 'भारत का बिस्मार्क' भी कहा जाता है।

राष्ट्रीय एकता दिवस का महत्व

राष्ट्रीय एकता दिवस पहली बार वर्ष 2014 में मनाया गया था, जिसका उद्देश्य देश के लोगों के बीच राष्ट्रीय एकता, संप्रभुता और अखंडता के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।

इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित है:

  • सरदार पटेल को श्रद्धांजलि: राष्ट्र के लिए उनके अमूल्य योगदान और बलिदान को सम्मान देना।

  • एकता का संदेश: देश की विविधता में एकता (Unity in Diversity) के महत्व पर बल देना और सभी नागरिकों को एकजुट रहने के लिए प्रेरित करना।

  • सुरक्षा और अखंडता की शपथ: देश की सुरक्षा और अखंडता की चुनौतियों का सामना करने के लिए नागरिकों को संकल्पित करना।

समारोह और आयोजन

राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर पूरे देश में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इनमें प्रमुख हैं:

  • रन फॉर यूनिटी (Run for Unity): राष्ट्रीय एकता के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए इस दौड़ का आयोजन किया जाता है, जिसमें समाज के सभी वर्गों के लोग उत्साहपूर्वक भाग लेते हैं।

  • शपथ ग्रहण समारोह: सरकारी कार्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों और अन्य संस्थाओं में राष्ट्रीय एकता और अखंडता की शपथ ली जाती है।

  • परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रम: गुजरात के केवड़िया स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (जो विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है और सरदार पटेल को समर्पित है) पर भव्य परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमें विभिन्न राज्यों की पुलिस टुकड़ियाँ भाग लेती हैं।

सरदार पटेल का जीवन हमें सिखाता है कि राष्ट्रीय हित सर्वोपरि है। उनकी विरासत हमें याद दिलाती है कि एक मजबूत और समृद्ध राष्ट्र के लिए एकजुटता सबसे बड़ी शक्ति है।


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