रीवा जिले के सगरा थाना प्रभारी पर लगे गंभीर आरोपों के मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर ने सख्त रुख अपनाया है। न्यायालय ने पुलिस के उच्च अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगते हुए थाना परिसर की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग तलब की है, जिससे पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।
By: Star News
Dec 15, 20253:47 PM
हाइलाइट्स:
रीवा, स्टार समाचार वेब
उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर एक याचिका ने सगरा थाना प्रभारी अंकिता मिश्रा की मुश्किलें बढ़ा दी है। उन पर वर्दी और पद के दुरुपयोग का आरोप लगा है। जिस पर न्यायालय ने विभाग के उच्च अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है। इसके साथ ही सगरा थाना में लगे सीसीटीव्ही कैमरों की रिकार्डिंग भी मंगाई गई है। इसके बाद से पुलिस महकमें में हड़कंप मचा हुआ है।
गौरतलब है कि ग्राम मुड़ियारी तहसील सिरमौर थाना सगरा निवासी राजेश शुक्ला का उनके चाचा से आपसी जमीनी विवाद चल रहा था। जिस पर कमिश्नर न्यायालय से यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश थे। उक्त जमीन पर राजेश ने धान की बुवाई की थी। किंतु राजेश के चाचा ने सगरा थाना की पुलिस को मिलाकर फसल काट ली। राजेश का कहना था कि न्यायालय से स्थगन है फसल हमने बोई है। सगरा थाना की पुलिस बार बार राजेश के खिलाफ एकपक्षीय कार्यवाही कर रही थी। जिसकी शिकायत राजेश शुक्ला ने पुलिस अधीक्षक एवं अन्य अधिकारियों से की थी। जब उच्च अधिकारियों ने कोई हस्तक्षेय नहीं किया तो राजेश शुक्ला एवं उनके परिवार ने सीएम हेल्प लाइन में शिकायत कर दी। इसके बाद सगरा थाना प्रभारी अंकिता मिश्रा एवं उनके स्टाफ ने राजेश शुक्ला एवं उनके परिवार पर सीएम हेल्प लाइन की शिकायत बंद कराने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। साथ ही यह भी धमकी दी कि यदि शिकायत बंद नहीं कराई तो पुलिस अपने हिसाब से निपटेगी। लेकिन जब पुलिस के दबाव के बावजूद राजेश एवं उनके परिवार ने शिकायत बंद नहीं कराई तो सगरा थाने की पुलिस राजेश शुक्ला के पुत्र एवं उनकी पत्नी को जबरजस्ती घर से उठाकर थाना ले गई। उनके साथ अपराधियों जैसे व्यवहार किया। इतना ही नहीं उनके मोबाइल छीनकर सीएम हेल्प लाइन की शिकायत खुद बंद करा दी। जिसके बाद राजेश शुक्ला एवं उनकी पत्नी तथा बेटे ने उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका क्रमांक डब्ल्यूपी/46553/2025 दायर की थी। उच्च न्यायालय में याचिकाकतार्ओं की ओर से पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता दिलीप पांडेय कर रहे हैं, जो रीवा जिले के सिरमौर तहसील अंतर्गत मऊ गांव के निवासी हैं।
याचिका में यह की गई मांग
याचिका में संविधान के मूलभूत अधिकारों का हनन करने, वर्दी एवं पद का दुरुपयोग करने पर निलंबित कर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की गई थी। जिस पर न्यायालय ने डीजीपी मध्यप्रदेश, आईजी रीवा जोन एवं पुलिस अधीक्षक रीवा से मामले के संबंध में स्पष्टीकरण व दस्तावेज मांगा है। साथ ही सगरा थाना के दिनांक 13.11.2025 से 15.11.25 तक एवं 24.10.25 से 26.10.25 तक की सीसीटीवी कैमरों की वीडियो रिकॉर्डिंग मंगाई है। जिसके बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।