मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में सरकारी स्कूलों की मरम्मत में हुए करोड़ों के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने इस मामले की गहन जांच के आदेश दिए हैं, जिसमें फर्जी मजदूरों और मिस्त्रियों के नाम पर लाखों का भुगतान करने का आरोप है।
By: Star News
Jul 06, 20251 hour ago
शहडोल. स्टार समाचार वेब
मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में सरकारी स्कूलों की मरम्मत के नाम पर बड़े पैमाने पर अनियमितता सामने आई है। इस मामले का संज्ञान लेते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने तत्काल जांच के निर्देश दिए हैं। मंत्री ने स्पष्ट किया है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार में किसी भी तरह की धांधली बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने बताया कि उनके संज्ञान में शहडोल जिले के ब्यौहारी विधानसभा क्षेत्र में स्थित दो सरकारी स्कूलों – सकंदी हाई स्कूल और निपनिया उच्चतर माध्यमिक विद्यालय – में अनुरक्षण (मेंटेनेंस) कार्यों में फर्जीवाड़ा किए जाने का मामला आया है। उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव और लोक शिक्षण आयुक्त को इस मामले की तत्काल जांच के निर्देश दिए हैं।
ब्यौहारी जनपद की इन दोनों शालाओं में पुताई और खिड़की-दरवाजों की फिटिंग जैसे छोटे-मोटे मरम्मत कार्यों के लिए सैकड़ों की संख्या में फर्जी मजदूरों और मिस्त्रियों को कागजों पर कार्यरत दिखाकर लाखों रुपये का भुगतान कर लिया गया।
सकंदी हाई स्कूल: यहाँ चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहाँ केवल 4 लीटर पेंट के लिए 168 मजदूरों और 65 मिस्त्रियों को दिखाया गया और इसके लिए 1,06,984 रुपये का भुगतान कर दिया गया।
निपनिया उच्चतर माध्यमिक विद्यालय: इस स्कूल में 20 लीटर पेंटिंग, 10 खिड़कियां और 4 दरवाजे लगाने के लिए 275 मजदूरों और 150 मिस्त्रियों को दर्शाकर 2,31,685 रुपये की राशि स्वीकृत की गई।
इस पूरे मामले में सबसे चौंकाने वाली बात निपनिया स्कूल से सामने आई है। ठेकेदार 'सुधाकर कंस्ट्रक्शन' ने इस स्कूल का बिल 5 मई 2025 को तैयार किया, लेकिन स्कूल के प्राचार्य ने उसी बिल को एक महीने पहले ही, यानी 4 अप्रैल 2025 को सत्यापित कर दिया। यह प्रक्रिया स्पष्ट रूप से फर्जीवाड़े की ओर इशारा करती है और इस पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
शिक्षा मंत्री ने दोहराया है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। प्रशासन ने अब तक सभी संबंधित दस्तावेज जब्त कर लिए हैं और जांच शुरू कर दी है।