'किंग ऑफ रोमांस' शाहरुख खान का कैमरा की रोशनी से छोटे शहरों की आकांक्षाओं तक का सफर। 1988 में टीवी से शुरुआत, 'बाजीगर' से एंटी-हीरो, 'DDLJ' से रोमांटिक किंग और 'पठान' से एक्शन स्टार तक का उनका करियर कैसा रहा? जानें उनकी धमाकेदार वापसी और आगामी फिल्म 'किंग' के बारे में।
By: Ajay Tiwari
Nov 02, 20256:39 PM
स्टार समाचार वेब. एंटरटेंमेंट डेस्क
शाहरुख खान का प्रभाव केवल सिनेमाई पर्दे तक सीमित नहीं है; यह देश के उन लाखों युवाओं की आकांक्षाओं में बसता है, जो मानते हैं कि लगन और मेहनत से तकदीर बदली जा सकती है। अपने अभिनय से उन्होंने केवल आकर्षण नहीं, बल्कि आत्मा की भाषा दी—चाहे वह 'राज' की मुस्कान हो या 'चक दे' की पुकार। हर जन्मदिन पर उनके चाहने वालों का हुजूम इस बात का प्रमाण है कि यह सिर्फ एक अभिनेता का जश्न नहीं, बल्कि उस सपने का उत्सव है जो हर नौजवान के दिल में पलता है। शाहरुख खान इस मायने में एक व्यक्ति नहीं, बल्कि उस बेचैन ऊर्जा का प्रतीक हैं, जो बार-बार उठती है और आत्मविश्वास से कहती है—"पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त।"
'किंग खान', 'बॉलीवुड के बादशाह', 'किंग ऑफ रोमांस' जैसे अनेक नामों से पुकारे जाने वाले शाहरुख खान का सफर दिल्ली से शुरू हुआ। सिनेमा की दुनिया में 33 साल पूरे कर चुके शाहरुख को माया नगरी में कुछ भी आसानी से नहीं मिला। हर आम नौजवान की तरह उन्हें भी रिजेक्शन और संघर्ष झेलना पड़ा।
उन्होंने अपने करियर की शुरुआत छोटे पर्दे से की। पहली बार वह 1988 की टीवी सीरीज 'दिल दरिया' में अभिनय करने वाले थे, लेकिन इसके निर्माण में देरी के कारण, उन्हें पहली बार 1989 की सीरीज 'फौजी' में कैडेट अभिमन्यु राय की भूमिका में देखा गया। इसके बाद उन्होंने 'सर्कस', 'उम्मीद' और 'वागले की दुनिया' जैसे लोकप्रिय धारावाहिकों में भी काम किया।

1991 में शाहरुख ने हिंदी सिनेमा में करियर बनाने के लिए मुंबई का रुख किया। हालांकि उन्होंने हेमा मालिनी द्वारा निर्देशित 'दिल आशना है' की शूटिंग पहले शुरू की, लेकिन 1992 में रिलीज़ हुई 'दीवाना' उनकी आधिकारिक डेब्यू फिल्म बनी। दिव्या भारती और ऋषि कपूर अभिनीत यह फिल्म सुपरहिट रही और उन्हें फिल्मफेयर बेस्ट मेल डेब्यू अवार्ड मिला।
1990 के दशक की शुरुआत में, शाहरुख ने अपनी एंटी-हीरो इमेज से दर्शकों को चौंकाया। 'बाजीगर' में प्रतिशोधी हत्यारे और 'डर' में जुनूनी आशिक की भूमिका ने उन्हें खूब तालियां दिलाईं। 'बाजीगर' के लिए उन्हें पहला सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला, और 'डर' का डायलॉग 'आई लव यू, कक्क-किरण' आज भी लोकप्रिय है।
रोमांटिक हीरो के रूप में शाहरुख की छवि तब बनी जब उन्होंने यशराज फिल्म्स और धर्मा प्रोडक्शंस के साथ काम करना शुरू किया। उनकी रोमांटिक फिल्मों ने उन्हें वैश्विक पहचान दी:
रोमांटिक छवि के साथ ही शाहरुख ने प्रयोगधर्मी भूमिकाएँ भी निभाईं। 'देवदास' (2002) में शराबी प्रेमी और 'चक दे इंडिया' (2007) में हॉकी कोच के रूप में उनके अभिनय को काफी सराहा गया। हालांकि, 2018 में 'जीरो' की असफलता के बाद उन्होंने चार साल का लंबा ब्रेक लिया, जिसके दौरान उन्होंने केवल कुछ स्पेशल अपीयरेंस दीं।

साल 2023 उनके करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। उन्होंने एक्शन हीरो के रूप में धमाकेदार वापसी की और बॉक्स ऑफिस पर हिट की हैट्रिक लगाई:
पठान: कमाई के रिकॉर्ड तोड़े।
जवान: 'पठान' से भी बड़ी ब्लॉकबस्टर।
डंकी: साल की सफल फिल्मों में शामिल।
शाहरुख खान अब अपनी आगामी फिल्म 'किंग' को लेकर चर्चा में हैं, जिसके माध्यम से उनकी बेटी सुहाना खान बड़े पर्दे पर डेब्यू कर रही हैं।