सिंगरौली जिले में पुष्पेंद्र साहू की हत्या का पुलिस ने दो माह बाद खुलासा किया। प्रेम प्रसंग और पुराने विवाद के चलते चार आरोपियों ने मिलकर हत्या की साजिश रची और शव को जंगल के नाले में गाड़ दिया। डीएनए रिपोर्ट से शिनाख्त के बाद पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
By: Yogesh Patel
Sep 12, 2025just now
हाइलाइट्स
सिंगरौली, स्टार समाचार वेब
दो माह बाद आज गुरूवार को पुष्पेन्द्र हत्याकांड कर पुलिस ने खुलासा किया है। बताया गया कि प्रेम प्रसंग को लेकर आरोपियों को हत्या के कुछ दिवस पहले विवाद हुआ था। जिसके बाद एक दूसरे से रंजिश हो गया। फिर आरोपियों ने पुष्पेन्द्र की हत्या करने की योजना बनाई। फिर आरोपियों ने योजनाबद्ध तरीके से पुष्पेन्द्र को बाइक से पाही पर जाने के दौरान आरोपियों ने मारपीट कर हत्या कर दिया। इसके बाद शव को गोरा के जंगल खरहरी नाला के तरफ ले जाकर नाला के किनारे गढ्ढा खोदकर गाड़ दिया। पुलिस ने हत्या में शामिल चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त गमछा, बाइक, फावड़ा व तीन मोबाइल भी जब्त किया है।
पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री ने आयोजित प्रेसवार्ता में खुलासा के दौरान बताया कि 7 जुलाई को फरियादी पवन कुमार साहू निवासी गोरा ने सरई थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि गुमसुदा पुष्पेन्द्र कुमार साहू 6 जुलाई की रात करीबन 9:30 बजे खाना खाकर रोजाना की भांति अपने घर से थोड़ी दूर अपनी पाही में सोने के लिये गया था। दूसरे दिन सुबह गुमसुदा पुष्पेन्द्र कुमार साहू पाही मे नहीं था तथा उसका फोन भी बंद था। फरियादी की रिपोर्ट पर पुलिस ने गुम इंसान कायम कर जांच में लिया। जहां विवेचना के दौरान 19 जुलाई को गुम शुदा के पाही से करीबन 4 किमी दूर गोरा के जंगल के खरहरी नाला में एक नर कंकाल मिला। जिसका डीएनए परीक्षण कराया गया। 5 सितंबर को डीएनए परीक्षण रिपोर्ट प्राप्त होने पर मानव कंकाल के गुमसुदा पुष्पेन्द्र कुमार साहू के होने की पुष्टि होने पर सरई थाने में अज्ञात व्यक्तियो द्वारा पुष्पेन्द्र की हत्या कारित करना पाया गया। जिस पर पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में जुट गई।
प्रेम प्रसंग बना हत्या की वजह
एसपी श्री खत्री ने बताया कि विवेचना के दौरान पाया गया कि आरोपी रावेन्द्र निवासी गोरा का मृतक पुष्पेन्द्र के घर की महिला से प्रेम प्रसंग था। जिस कारण पूर्व में दोनों के मध्य विवाद की स्थिति भी निर्मित हुई थी। जिससे रावेन्द्र मृतक से रंजिश रखता था। वहीं दूसरी ओर मृतक पुष्पेन्द्र के मामा की बेटी के आत्महत्या के दुष्प्रेरण के मामले में रामकुमार एवं विजय साहू अभियुक्त थे। रामकुमार एंव विजय का मानना था कि मृतक पुष्पेन्द्र अपने मामा की उक्त केस में मदद कर रहा था। इस कारण रामकुमार एवं विजय भी मृतक पुष्पेन्द्र से रंजिश रखते थे। आरोपी धीरज साहू के घर की महिला से मृतक पुष्पेन्द्र पूर्व में बातचीत करता था व समझाने पर नहीं मानता था। जिस कारण आरोपी धीरज भी रंजिश रखता था।
एक माह पहले ही हत्या की बनाई थी योजना
एसपी ने बताया कि मृतक के परिजनों व अन्य साक्षियों व आरोपी रावेन्द्र साहू व धीरज साहू से पूछतांछ से यह तथ्य सामने आया कि उक्त चारों आरोपीगण एक माह पूर्व से पुष्पेन्द्र की हत्या की योजना बनाये थे तथा मौके की तलाश में थे। 6 जुलाई की रात्रि जैसे ही पुष्पेन्द्र साहू अपने बाइक से अपने पाही वाले घर आया। पाही के पास छिपे उक्त चारों आरोपी मृतक के साथ मारपीट कर मृतक के गर्दन में गमछा लपेटकर खींच दिये व उसकी हत्या कारित कर दी। बताया गया कि आरोपी रावेन्द्र साहू, विजय साहू और रामकुमार साहू द्वारा मृतक की लाश को गोरा के जंगल खरहरी नाला के तरफ ले जाकर नाला के किनारे गड्ढा खोदकर गाड़ दिया गया और धीरज साहू ने पुष्पेन्द्र के मोबाईल को घटना स्थल से लगभग 200 मीटर दूरी पर सरई के पेड के नीचे और चप्पल को पुराने ईंट भा पर छुपा दिया था।
ये आरोपी हुए गिरफ्तार
पुलिस ने रावेन्द्र साहू पिता स्व. सुमारू साहू, धीरज कुमार साहू पिता धनेश साहू व 29 अगस्त से विध्यनगर थाने के 306 आईपीसी के अपराध में रामकुमार साहू पिता रामकरण साहू, विजय साहू पिता दीनानाथ साहू निवासी गोरा पहले से पचौर जेल में निरुद्ध हैं।
कार्यवाही में इनकी रही भूमिका
कार्यवाही में पुलिस अधीक्षक द्वारा गठित एसआईटी के सदस्य सीएसपी पीएस परस्ते, एसडीओपी गायत्री तिवारी, राहुल कुमार सैयाम, परि. सुश्री रोशनी कुर्मी, सरई थाना प्रभारी जितेन्द्र सिंह भदौरिया, उनि सूरज सिंह, उदयचंद करिहार, पवन सिंह प्रभारी सायबर सेल, प्रियंका सिंह बघेल, विनय शुक्ला, अमन वर्मा, नृपेन्द्र सिंह, पुष्पेन्द्र धुर्वे थाना प्रभारी लंघाडोल, सउनि पप्पू सिंह, अरविंद द्विवेदी, प्रआर अनुराग मिश्रा, पंकज सिंह, आर. रिंकू धाकड़, बबलू यादव, महेन्द्र चौरसिया, अंकित शुक्ला, नीरज सिंह, आशीष त्रिपाठी समेत अन्य पुलिसकर्मियों की भूमिका रही।