रीवा के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में एचएसीएल आउटसोर्स कर्मचारी मरीजों को रसीद, रिपोर्ट और व्यवहार से कर रहे परेशान। गंभीर मरीजों को समय पर इलाज नहीं, मारपीट तक की नौबत।
By: Star News
Jul 05, 2025just now
रीवा, स्टार समाचार वेब
श्यामशाह मेडिकल कॉलेज के अधीन संचालित सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की आउटसोर्स व्यवस्था मरीजों को राहत की जगह दर्द दे रही है। यहां एचएसीएल के कर्मचारी बे वजह मरीज और उनके अटेंडरों को परेशान कर रहे हैं। लगातार इस तरह की शिकायत अस्पताल अधीक्षक समेत मेडिकल कॉलेज के डीन के पास पहुंच रही है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही। ऐसे में कर्मचारियों के हौसले बुलंद हैं और वे लगातार मनमानी पर उतारू हैं। सबसे अधिक समस्या ब्लड टेस्ट की रसीद कटवाने और रिपोर्ट लेने में हो रही है। बताया जा रहा है कि कर्मचारी पहले तो रसीद काटने में ही आनाकानी करते हैं। किसी तरह रसीद कट गई और सेंपल केंद्रीय लैब में जमा हो गया तो रिपोर्ट लेने में उनके पसीने छूट जाते हैं। औसतन दो से तीन घंटे में मिल जाने वाली जांच रिपोर्ट को देने में 6-6 घंटे का समय लगा रहे हैं। इतना ही नहीं कई बार तो मरीजों के ब्लड सेंपल तक गायब कर दिये जाते हैं। ऐसे में गंभीर मरीज के उपचार में काफी समस्या होती है। लेकिन एचएसीएल कंपनी की इस मनमानी पर रोक लगाने की हिम्मत स्थानीय चिकित्सा अधिकारी नहीं जुटा पा रहे हैं। कई बार तो अस्पताल स्टाफ तक इनकी मनमानी का शिकार होकर घंटों परेशान रहता है।
मारपीट पर हो जाते हैं उतारू
यदि कोई मरीज अथवा उसके परिजन अव्यवस्था पर सवाल उठाते हैं तो यहां तैनात एचएसीएल के कर्मचारी व अधिकारी अभद्रता करने पर उतारू हो जाते हैं। नौबत मारपीट तक पहुंच जाती है। लेकिन मरीज का उपचार कराने आये परिजनों को दबाव में आकर शांत रहना पड़ता है। ऐसे में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल उपचार कराने आये मरीजों को मिलने वाली बेहतर सुविधा किस तरह से क्रियान्वयन हो रहा है, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
रात 11 के बाद बंद हो जाता है काउंटर
इतना ही नहीं यदि कोई मरीज रात में आता है तो उसके ब्लड की जांच हो जाये यह किसी टेढी खीर से कम नहीं है। स्थानीय कर्मचारी बताते हैं कि रात 11 बजे के बाद पर्ची काउंटर और रिपोर्ट काउंटर दोनों के कर्मचारी नदारत हो जाते हैं। ऐसे में यहां आने वाले गंभीर मरीजों के उपचार में काफी समस्या होती है। यहां यह बताना उचित होगा कि सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में हृदय रोग और मस्तिष्क रोग के सबसे अधिक गंभीर मरीज पहुंचते हैं, जिनकी जांच समय पर और जल्दी होना अति आवश्यक होता है, लेकिन सुपर स्पेशलिटी में काम कर रही एचएसीएल कंपनी इस व्यवस्था को लागू करने में विफल हो रही है।