सतना जिले के 13 किसानों से 21 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया। महिला बाल विकास की कर्मचारियों और किराना दुकानदार की मिलीभगत से हुआ अनाज घोटाला।
By: Star News
Jul 05, 2025just now
सतना, स्टार समाचार वेब
मैहर जिले के जरियारी गांव में किसानों के साथ महिला बाल विकास की कर्मचारियों द्वारा जिस प्रकार से ठगी कर लाखों का चूना लगाया गया था ठीक उसी अंदाज में सतना जिले के किसानों से भी ऐसी ही ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस मामले में आगनवाड़ी कार्यकर्ता और सुपरवाइजर ने किराना दुकानदार के साथ मिलकर जिस प्रकार का घोटाला किया है , वह हैरान कर देने वाला है। हाड़-तोड़ मेहनत से उत्पादित फसल को गैंग बनाकर खरीदा गया लेकिन किसानों की लाखों रूपए की राशि को दबा लिया गया। मामला सिटी कोतवाली अंतर्गत बड़खेरा व भटनवारा गांव का है जिसके 13 किसानों ने कलेक्टर के अलावा सिटी कोतवाली पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई है। किसानों की मांग है कि जरियारी की तरह ही ठगे गए किसानों के मामले में आरोपियों पर सख्त कार्रवाई करते हुए उनके हाडतोड़ मेहनत से उत्पादित गेंहू का बकाया भुगतान कर राहत पहुंचाई जाय।
रिश्तेदारी का उठाया फायदा, 21 लाख से अधिक राशि फंसी
बताया जाता है कि जरियारी की तरह ही ग्राम बड़खेरा व भटनवारा के 13 किसानों को ठगी का शिकार बनाकर लाखों का चूना लगाया गया। पीड़ित किसानों की माने तो इसमें आगनवाड़ी सुपरवाइजर रही सतनाम कौर ने मास्टरमाइंड की भूमिका निभाई और बड़खेरा-भटनवारा के किसानों को 21 लाख से अधिक की राशि की चपत लगा दी । इसके लिए बलदाऊ तिवारी नामक किसान को उसकी रिश्तेदार आगनवाड़ी सुपरवाइजर प्रीति द्विवेदी ने एक और आगनवाड़ी सुपरवाइजर कौर के साथ मिलकर गेंहू बेचने के लिए प्रेरित किया । गत वर्ष सरकारी नौकरी में रहते हुए इन्होने सतनाम कौर को 19 लाख का गेंहूं बेचा और इसका भुगतान भी कर दिया। कलेक्टर को दिए शिकायती पत्र में बताया गया कि इससे किसानों को उन पर भरोसा हुआ जिसके बाद वर्ष 2024-2025 में 5 अप्रैल , 12 अप्रैल, 15 अप्रैल, 17अप्रैल , 23अप्रैल तथा 5 मई 2025 को बड़खेरा व भटनवारा के किसान बलदाऊ तिवारी,अनिल कुमार शर्मा , आशीष पाण्डेय , विकास गौतम ,बीरेन्द्र गौतम ,प्रकाश नारायण , विपिन तिवारी , संतोष शर्मा ,रामहर्षित तिवारी , रोहित गौतम , विपिन गौतम ,आशीष गुप्ता तथा रमेश शर्मा से 964 क्विंटल गेंहू की खरीदी की । दिलचस्प बात यह थी कि एक ओर जरियारी के किसानों द्वारा अप्रैल 2025 में ही दिए गए आवेदन पर पुलिस की जांच शुरू हुई और इधर बेखौफ महिला विकास की कर्मचारी बड़खेरा-भटनवारा में वैसी ही खरीदी को अंजाम दे रहे थे। हालंकि पुलिस ने जांच में आरोपों की पुष्टि के बाद दो कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया था। बड़खेरा-भटनवारा के पीड़ित किसानों के अनुसार यह खरीदी प्रीती द्विवेदी , आॅगनवाड़ी कार्यकर्ता ज्योत्सना जायसवाल , किराना दुकान संचालिका रजनी गुप्ता , अमरपाटन निवासी अजय कुशवाहा तनय पुरुषोतम कुशवाहा ने ग्राम बड़खेरा पहुंचकर खरीदी की जिसकी कीमत 2650 रूपए प्रति क्विंटल की दर से कुल 25,54, 600 रूपए आंकी गई। किसानों की मानें तो इसमे से 3,18,000 रूपए नगद तथा 1.20,000 रूपए का का भुगतान आनलाईन किया गया है, जबकि 21,16, 600 की किसानों की बकाया राशि का भुगतान करने में आनाकानी की जा रही है।
जालसाजों ने जरियारी में की थी गेहू, अरहर और मसूर की खरीदी, पुलिस ने सिखाया था सबक
इसी तर्ज पर जरियारी में 20 से अधिक किसानों से रामनगर में पदस्थ तत्कालीन महिला बाल विकास की सुपरवाइजर सतनाम कौर , आंगनवाड़ी कार्यकर्ता प्रीती द्विवेदी ने अन्य लोगों के साथ मिलकर किसानों से 24 लाख की गेहूं, अरहर और मसूर की बड़ी मात्रा में खरीदी कर खुले बाजार में बेच दी थी। इस मामले में प्रीती के पति केशव द्विवेदी ने भी संदिग्ध भूमिका निभाई थी । अनाज उठाने के बाद 12 लाख 69 हजार 242 रुपये का भुगतान नहीं किया गया। इस मामले की जांच में सामने आया था कि आरोपियों ने बड़खेरा-भटनवारा के किसानों की तरह ही पहले किसानों को विश्वास में लेने के लिए उन्हें कुछ बार भुगतान किया। इस मामले में महिला बाल विकास की सुपरवाइजर सतनाम कौर निवासी जबलपुर व आंगनवाड़ी में ही कार्यरत प्रीती द्विवेदी निवासी मझियार को पकड़ा कर पुलिस ने सबक सिखाया था।
‘सरकारी व्यवस्था पर भरोसा करें अन्नदाता जालसाजी से बचें’
बड़खेरा-भटनवारा और जरियारी के किसानों के साथ हुई ठगी के मामले उन किसानों के लिए एक चेतावनी हैं जो सरकारी खरीदी केंद्र में जाने के बजाय यहां-वहां अपनी उपज को बेचते हैं। कभी अनाज व्यापारियों तो कभी ऐसे जालसाजों के हाथों छले जाने वाले किसानों को ऐसी ही जालसाजी से बचाने के लिए सरकार ने खरीदी केंद्र में उपज क ो खरीदने की व्यवस्था की है और भुगतान को सीधे खातों में डालने की व्यवस्था की है। कई बार खरीदी केंद्रों की अव्यवस्थाओं व जालसाजों द्वारा दी जाने वाली अधिक कीमतों के लालच के चलते किसान उनके जाल में फंसकर किसानों को यदि ऐसी जालसाजी से बचना है तो उन्हें सरकार द्वारा की गई व्यवस्था पर भरोसा जताना होगा अन्यथा उनकी अपनी मेहनत , उम्मीद और आर्थिक सुरक्षा को यूं ही एक झटके में टूटती रहेगी।