गंजबासौदा। श्रावण मास को प्रतिदिन हर हर महादेव और 'बम बम भोले' के जयकारों के साथ दो कांवड़ यात्राएं निकली। पहली यात्रा ग्राम हतौड़ा के बालाजी मंदिर से शुरू हुई। श्रद्धालुओं ने यहां शिव श्रीराम और बालाजी दरबार में पूजन-अर्चन किया। इसके बाद पवित्र बेतवा नदी से जल भरकर कांवड़ में रखा। महिला और पुरुष श्रद्धालु नंगे पैर यात्रा पर निकले। यात्रा कर गंतव्य क्रम उदयपुर का प्राचीन नीलकंठ महादेव मंदिर रहा। डीजे की धुन पर भजन-कीर्तन के बीच श्रद्धालु कतारों में चले। दूसरी कावड़ यात्रा वार्ड क्रमांक 15 से शुरू हुई। यह यात्रा ग्राम गमाकर के प्राचीन शिव मंदिर तक गई। इसमें भी बड़ी संख्या में महिला, पुरुष और मुखा शामिल हुए। दोनों यात्राओं में श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता था।
ट्राली में शिव की झांकी
घोड़ा रथ, ट्रैक्टर ट्राली और लोडिंग वाहन ने भगवान भोले को सजीव और आकर्षक झांकी सजाई थी। इस इशंकों को देखने सुबह से ही नागरिकों की भीड़ सड़क के आसपास खड़ी नजर आई। झांकी इतनी सजीव बनाई गई थी कि राहगीरों के कदम रुक रहे थे। यात्रा में भोले बाबा की झांकी मुख्य आकर्षण का केंद्र बनी रही। रास्ते भर श्र श्रद्धालु नाचते रहे। मंदिरों में पवित्र जल गगनभेदी जयकारों के साथ चढ़ाया और अभिषेक पूजन, आरती की। साथ ही अच्छी वर्षा, फसल और आमजनों की खुशहाली के लिए कामना की। इसी के साथ आयोजन का समापन हुआ।
कांवड़ यात्रा में महिलाएं भी हुईं शामिल
एक कांवड़ यात्रा ग्राम हतौड़ा के चालाजी धाम से श्रद्धालु सड़क के माध्यम से 20 किलोमीटर की पैदल यात्रा की। इसमें पुरुषों के बड़ी के साथ महिलाएं भी तादाद में शामिल थी। महिलाएं केसरिया साड़ियों में भगवान भोलेनाथ की झांकी के साथ भजन गाती चल रही थीं। यात्रा को लेकर सभी श्रद्धालुओं में उत्साह था। दूसरी यात्रा के कांवडिया वार्ड क्रमांक 15
से वनवा, पचमा होते हुए ग्राम गमाखर के प्राचीन शिव मंदिर पहुंचे। दोनों कावड़ यात्राओं का जगह-जगह ग्रामवासियों ने स्वागत किया और उनके साथ पैदल चल पड़े। यात्रा में शमित श्रद्धालुओं को चाय, फल और आहार की व्यवस्था की गई थी। श्रद्धालु रास्ते भर भजनों पर नाचते रहे। उन्हें देखने के लिए जगह-जगह भीड़ उमड़ती रही।
गूंजे 'हर हर महादेव' के जयकारे
दूसरे श्रावण सोमवार को उदयपुर के प्राचीन नीलकंठ महादेव मंदिर में पिछले सोमवार की अपेक्षा आज काफी भीड़ रही। श्रद्धालुओं को मंदिर प्रवेश के लिए कतार में काफी इंतजार करना पड़ा। श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी रहीं। इसी प्रकार शहर के सभी शिव मंदिरों को सजाया गया। सुबह से ही श्रद्धालु बिल्व पत्र, धतूरा, दूध, दही और गंगाजल आदि लेकर भगवान शिव का अभिषेक पूजन करने पहुंचे। इसके कारण मंदिरों पर 'हर हर महादेव के जयकारे गूंजते रहे। कई स्थानों पर शिव अर्चना, महामृत्युंजय जाप का आयोजन किया गया। कांच मंदिर, श्री शीतला शक्तिधाम, मनकामेश्वर मंदिर, स्टेशन शिव मंदिर, मील माता मंदिर पर भगवान शिव का पुष्पों से श्रृंगार किया गया। वहीं कालाबाग स्थित सिद्धेश्वर मंदिर पर श्रद्धालुओं ने परिवार के साथ 12 ज्योतिर्लिंगों का पूजन किया। नीलकंठ महादेव मंदिर उदयपुर और गमाखर में हजारों की तादाद में भक्त पूजन-अभिषेक के लिए परिवार सहित आए। श्रद्धालुओं के पहुंचने से दोनों स्थानों पर मेले जैसी स्थिति रही। ट्रैक्टर ट्राली, जीप, दोपहिया वाहन, मिनी ट्रक की लंबी कतारें लगी रह