मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सिया चेयरमैन विवाद के बाद मध्य प्रदेश में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया। प्रमुख सचिव पर्यावरण डॉ. नवनीत कोठारी और एप्को कार्यपालन संचालक उमा माहेश्वरी को हटाया गया। जानें पूरी खबर और प्रशासनिक सर्जरी का कारण।
By: Ajay Tiwari
Jul 23, 20256 hours ago
हाइलाइट्स
भोपाल. स्टार समाचार वेब
मध्य प्रदेश के प्रशासनिक महकमे में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है। सिया (SIYA) के चेयरमैन से जुड़े एक विवाद ने दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को उनके पदों से हटवा दिया है। इसमें प्रमुख सचिव पर्यावरण डॉ. नवनीत मोहन कोठारी और एप्को की कार्यपालन संचालक आर. उमा माहेश्वरी शामिल हैं। यह फेरबदल सीधे तौर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की नाराजगी का नतीजा माना जा रहा है, साफ है फेरबदल से साफ संदेश है कि सरकार में सुशासन और अनुशासन को लेकर किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह कार्रवाई न नौकरशाही में एक मजबूत संकेत है।
दरअसल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के दुबई प्रवास के दौरान पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. नवनीत मोहन कोठारी और सिया के चेयरमैन एस.एन. चौहान के बीच एक विवाद गहरा गया था। यह मामला तब और बढ़ गया जब एप्को परिसर में स्थित सिया के चेयरमैन के दफ्तर में ताला लगा दिया गया। इस घटना के बाद, सिया के चेयरमैन ने तत्काल इसकी शिकायत मुख्य सचिव से की। मुख्यमंत्री को भी दुबई में रहते हुए इस पूरे प्रकरण की जानकारी मिल गई थी। हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद उसी दिन शाम साढ़े तीन बजे सिया चेयरमैन के दफ्तर का ताला खोल दिया गया था, लेकिन इस घटना ने प्रशासनिक गलियारों में काफी हलचल मचा दी थी। मुख्यमंत्री ने इस मामले को गंभीरता से लिया था, जिसका नतीजा यह बड़ा प्रशासनिक फेरबदल है।
डॉ. नवनीत मोहन कोठारी, जो पहले प्रमुख सचिव पर्यावरण थे, को अब राज्यपाल का प्रमुख सचिव बनाया गया है। अपर मुख्य सचिव केसी गुप्ता को राजभवन से हटाकर अपर मुख्य सचिव कुटीर और ग्रामोद्योग विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
अपर मुख्य सचिव अशोक बर्णवाल को उनकी वर्तमान जिम्मेदारियों के साथ-साथ अपर मुख्य सचिव पर्यावरण विभाग, पर्यावरण आयुक्त और महानिदेशक एप्को का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। चंद्रमौलि शुक्ला को उनके वर्तमान दायित्वों के साथ अपर सचिव मुख्यमंत्री का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है, जो मुख्यमंत्री सचिवालय में उनकी महत्वपूर्ण एंट्री है।