रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन लगातार अलट्रा मॉडर्न वेपन सिस्टम विकसित करने में जुटा है। मिसाइल से लेकर रडार सिस्टम तक विकसित किए जा रहे हैं, ताकि मॉर्डन वॉरफेयर के लिए भारतीय सेना को पूरी तरह से तैयार किया जा सके।
By: Arvind Mishra
Nov 23, 20259:53 AM
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन लगातार अलट्रा मॉडर्न वेपन सिस्टम विकसित करने में जुटा है। मिसाइल से लेकर रडार सिस्टम तक विकसित किए जा रहे हैं, ताकि मॉर्डन वॉरफेयर के लिए भारतीय सेना को पूरी तरह से तैयार किया जा सके। इस दिशा में डीआरडीओ ने एक और बड़ी और ऐतिहासिक सफलता हासिल की है। दरअसल, भारत लगातार अपनी सैन्य तकनीक को आधुनिक और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसी संकल्प के बीच डीआरडीओ ने एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज की है। भारतीय वायुसेना के एसयू-30 एमकेआई फाइटर जेट से एयर-लॉन्च्ड लॉन्ग रेंज ग्लाइड बम का परीक्षण सफल रहा है। इस स्वदेशी हथियार को गौरव नाम दिया गया है, जो लक्ष्य को दूर से ही सटीकता के साथ नष्ट करने में सक्षम है।
भारी वजन कर देगा विनाश
गौरव वह हथियार है, जो विमान को जोखिम में डाले बिना दुश्मन पर प्रहार कर सकता है। यह हवा से छोड़े जाने के बाद काफी दूरी तक ग्लाइड करता है और ठीक उसी स्थान पर जाकर वार करता है, जहां लक्ष्य मौजूद हो। ज्यादा दूरी से हमला करने की वजह से यह दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को चुनौती देता है। इसका भारी वजन और उच्च विनाश क्षमता इसे बंकर, किलेबंद ठिकानों और पहाड़ी ठिकानों पर बेहद कारगर बनाती है।
डीआरडीओ हथियार के दो रूप
डीआरडीओ ने इस हथियार को दो स्वरूपों में तैयार किया है। पहला वर्जन गौरव पीसीबी है, जिसे मजबूत संरचनाओं और जमीनी बंकरों को भेदने के लिए तैयार किया गया है। यह पहाड़ी इलाकों में आपरेशन की स्थिति में उपयोगी साबित हो सकता है। दूसरा संस्करण गौरव पीएफ है, जिसका उपयोग खुले ठिकानों, सैन्य तैनाती या रणनीतिक लक्ष्य पर एक साथ कई हिस्सों में नुकसान पहुंचाने के लिए किया जाएगा।
एसयू-30 एमकेआई के साथ गौरव का जुड़ना
भारतीय वायुसेना का एसयू-30 एमकेआई पहले से ही कई एडवांस हथियारों से लैस है। इसके साथ रुद्रम मिसाइल, शॉ हथियार प्रणाली और ब्रह्मोस-ए पहले से जुड़े हैं और अब गौरव के जुड़ जाने से यह विमान लंबी दूरी से जमीन पर हमला करने में और भी सक्षम हो गया है। यह संयोजन वायु सेना को आधुनिक युद्ध के लिए ऐसी क्षमता देता है, जिसे दुनिया की बड़ी सेनाएं भी महत्व देती हैं।
गौरव ग्लाइड बम है अहम