संसद का शीतकालीन सत्र आज यानी शुक्रवार को समाप्त हो गया है। राज्यसभा और लोकसभा दोनों सदनों में इस सत्र में हंगामे के बीच भी बेहतर चर्चा रही। इस सत्र का सबसे गंभीर मुद्दा जी राम जी विधेयक बना, जो कि राज्यसभा और लोकसभा दोनों सदनों से पास हो गया।
By: Arvind Mishra
Dec 19, 20251:37 PM
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
संसद का शीतकालीन सत्र आज यानी शुक्रवार को समाप्त हो गया है। राज्यसभा और लोकसभा दोनों सदनों में इस सत्र में हंगामे के बीच भी बेहतर चर्चा रही। इस सत्र का सबसे गंभीर मुद्दा जी राम जी विधेयक बना, जो कि राज्यसभा और लोकसभा दोनों सदनों से पास हो गया। राज्यसभा और लोकसभा दोनों सदनों को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। अब अगला सत्र 2026 में बजट सेशन के साथ शुरू होगा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 18वीं लोकसभा के शीतकालीन सत्र के खत्म होने की घोषणा की और इस सेशन को सफल बताया।
सत्र में 15 सीटिंग सफल रहीं
लोकसभा स्पीकर ने कहा-इस सत्र में 15 सीटिंग सफल रहीं। सदन के सभी लोगों ने इस सत्र में सक्रिय भागीदारी निभाई और सहयोग दिया। कुछ लोगों ने तो महत्वपूर्ण अवसरों पर देर रात तक भी काम किया। बिरला ने कहा कि इस सत्र में लोकसभा ने 111 फीसदी की प्रोडक्टिविटी हासिल की।
शीत सत्र में पास हुए कई विधेयक
18वीं लोकसभा के शीतकालीन सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक पास हुए। इन विधेयकों में विकसित भारत रोजगार एवं आजीविका गारंटी मिशन (ग्रामीण) विधेयक 2025, जो कि मनरेगा कि जगह लाया गया है। राज्यसभा में इस शीतकालीन सत्र में 92 घंटे काम हुआ, जिससे इस सदन ने 121 फीसदी प्रोडक्टिविटी हासिल की। सदन के इस सत्र में अन्य विषयों की मांगों की पूर्ति के लिए मुद्दे उठाए गए, जिनमें वायु प्रदूषण और बीमा कानून संशोधनों पर बहस शामिल थी।
राज्यसभा अध्यक्ष ने जताया आभार
राज्यसभा का 269वां सत्र आज अध्यक्ष और उपाध्यक्ष सीपी राधाकृष्णन द्वारा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। अध्यक्ष ने सदन की समाप्ति की घोषणा पर पीएम नरेंद्र मोदी, सदन के नेता जेपी नड्डा, विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और सभी सदस्यों को उनके अभिनंदन और सहयोग के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया। सीपी राधाकृष्णन के पदभार ग्रहण करने के बाद उच्च सदन की अध्यक्षता में यह उनका पहला सत्र था।
प्रतिदिन 15 मुद्दे उठाए गए
सीपी राधाकृष्णन ने सदन को बताया कि इस सत्र में कई उल्लेखनीय काम हुए, जिनमें प्रतिदिन औसतन 84 से अधिक शून्यकाल नोटिसों का अभूतपूर्व आंकड़ा शामिल है, जो कि पिछले दो सत्रों की तुलना में 30.1 प्रतिशत ज्यादा है। शून्यकाल के दौरान प्रतिदिन 15 से अधिक मामले उठाए गए, जो लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि दर्शात हैं।
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