देश में सड़क हादसे लंबे समय से एक गंभीर सामाजिक समस्या बने हुए हैं। हर साल लाखों लोग हादसों का शिकार होते हैं। हजारों परिवार अपनों को खो देते हैं। इसी गंभीर मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में एक अहम बयान दिया, जिसमें उन्होंने दुर्घटना पीड़ितों की मदद करने वालों को प्रोत्साहित करने के लिए राहवीर योजना और सम्मान की जानकारी दी।
By: Arvind Mishra
Dec 19, 20252:56 PM
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
देश में सड़क हादसे लंबे समय से एक गंभीर सामाजिक समस्या बने हुए हैं। हर साल लाखों लोग हादसों का शिकार होते हैं। हजारों परिवार अपनों को खो देते हैं। इसी गंभीर मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में एक अहम बयान दिया, जिसमें उन्होंने दुर्घटना पीड़ितों की मदद करने वालों को प्रोत्साहित करने के लिए राहवीर योजना और सम्मान की जानकारी दी। उन्होंने कहा- सरकार की राहवीर नई पहल के तहत, जो व्यक्ति सड़क दुर्घटना में घायल को अस्पताल या ट्रॉमा सेंटर तक पहुंचाकर उसकी जान बचाने में मदद करेगा, उसे 25,000 रुपए का नकद पुरस्कार, राहवीर की उपाधि और सरकारी प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा।
एक व्यक्ति पांच पुरस्कार का हकदार
पहले यह इनाम राशि 5,000 रुपए थी, लेकिन 2025 में इसे बढ़ाकर 25,000 कर दिया गया है। एक व्यक्ति साल में अधिकतम 5 बार इस पुरस्कार का हकदार हो सकता है। इसके साथ ही, सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि अस्पतालों को पीड़ित के पहले 7 दिनों के इलाज का खर्च तुरंत प्रतिपूर्ति के रूप में मिलेगा, ताकि इलाज में देरी न हो।
सड़क हादसों की खौफनाक सच्चाई
गडकरी के अनुसार भारत में हर साल 5 लाख सड़क हादसे होते हैं। जिनमें 1.5 से 1.8 लाख लोगों की मौत हो जाती है। इनमें से 66 प्रतिशत मौतें 18 से 34 वर्ष की उम्र के युवाओं की होती हैं। दिल्ली स्थित एम्स की रिपोर्ट बताती है कि अगर दुर्घटना के तुरंत बाद पीड़ित को समय पर मेडिकल सहायता मिल जाए, तो हर साल 50,000 लोगों की जान बचाई जा सकती है।
मदद करने से इसलिए डरते हैं लोग
अक्सर देखा गया है कि सड़क हादसे के बाद आसपास मौजूद लोग मदद करने से पीछे हट जाते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण पुलिस पूछताछ, कानूनी झंझट और कोर्ट-कचहरी का डर होता है। गडकरी ने इस डर को दूर करने की अपील करते हुए साफ कहा कि सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि मदद करने वालों को किसी भी तरह की परेशानी न हो। यही सोच राहवीर योजना की बुनियाद है।
हादसे रोकने के लिए सरकार के प्रयास
केंद्रीय मंत्री ने कहा-जिला स्तर पर दुर्घटना रोकथाम समितियां बनाई गई हैं, जिनकी अध्यक्षता कलेक्टर करते हैं। ये समितियां हर दो महीने में बैठक कर ब्लैक स्पॉट्स की पहचान करती हैं। अब तक 7,000 ब्लैक स्पॉट्स को सुधारा जा चुका है, जिसके लिए 40,000 करोड़ मंजूर किए गए हैं। रोड इंजीनियरिंग में सुधार और डीपीआर की खामियों को दूर किया जा रहा है। आटोमोबाइल सेफ्टी पर जोर देते हुए वाहनों में छह एयरबैग अनिवार्य किए गए हैं। स्कूटर खरीदने पर दो हेलमेट मुफ्त देने का प्रावधान किया गया है।