पाकिस्तान की बदहाली और कंगाली अब जग जाहिर हो चुकी है। आलम यह हो गया है कि विमानों इंजीनियरों को वेतन के लाले पड़ गए हैं। इससे नाराज इंजीनियरों ने विमानों का चक्काजाम कर दिया है। इससे मुल्क में हड़कंप मच गया है।
By: Arvind Mishra
Nov 04, 202510:16 AM
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
पाकिस्तान की बदहाली और कंगाली अब जग जाहिर हो चुकी है। आलम यह हो गया है कि विमानों इंजीनियरों को वेतन के लाले पड़ गए हैं। इससे नाराज इंजीनियरों ने विमानों का चक्काजाम कर दिया है। इससे मुल्क में हड़कंप मच गया है। दरअसल, पाकिस्तान में सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस यानी पीआईए का परिचालन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। कंपनी के इंजीनियर्स ने विमानों को उड़ान के लिए दी जाने वाली योग्यता मंजूरी पर रोक लगा दी है।
एयरपोर्ट पर फंसे यात्री
पीआईए की 12 से अधिक इंटरनेशनल फ्लाइट प्रभावित हुई है। पाकिस्तान के अलग-अलग एयरपोर्ट पर बड़ी संख्या में यात्री फंसे हुए हैं, जिसमें बड़ी संख्या में उमराह के यात्री हैं। पाकिस्तानी समाचार चैनलों के अनुसार, लाहौर से मदीना, इस्लामाबाद और कराची से जेद्दा जाने वाली उड़ानें बाधित रहीं।
8 साल से नहीं बढ़ाया वेतन
सोमवार देर रात से पीआईए की एक भी अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट उड़ान नहीं भर पाई है। सोसाइटी आॅफ एयरक्राफ्ट इंजीनियर्स आॅफ पाकिस्तान यानी एसएईपी का कहना है कि बीते 8 साल से उनकी सैलरी में बढ़ोतरी नहीं हुई है। पहले इंजीनियरों ने कई महीने तक काली पट्टी बांधकर काम किया, लेकिन एयरलाइन की तरफ से कोई भी उनसे बात करने को तैयार नहीं हुआ।
इंजीनियरों को कार्रवाई की धमकी
अब पूरी तरह से काम के बहिष्कार के बाद भी पीआईए के रवैये में कोई बदलाव नहीं आया है। पीआईए के सीईओ ने कहा है कि राष्ट्रीय एयरलाइन पर पाकिस्तान आवश्यक सेवा (रखरखाव) अधिनियम, 1952 लागू है, जो हड़ताल या हड़ताल को अवैध बनाता है। उन्होंने इंजीनियरों को कड़ी कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहने को कहा है।
कोई बातचीत नहीं होगी
उधर एसएईपी का कहना है कि जब तक सीईओ के रवैये में कोई बदलाव नहीं आएगा, कोई बातचीत नहीं होगी। पीआईए के प्रवक्ता का कहना है कि आंदोलन का असली उद्देश्य एयरलाइन के निजीकरण को विफल करना है। बताया जा रहा है कि दूसरी एयरलाइन से इंजनियरिंग सहायता लेकर जल्द ही विमानों को शुरू करने की कोशिश की जा रही है।