उत्तर प्रदेश में मिशन-2027 से पहले अखिलेश यादव ने पहला बड़ा सख्त एक्शन लिया है। दरअसल, समाजवादी पार्टी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों का हवाला देते हुए तीन विधायकों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
By: Arvind Mishra
Jun 23, 2025just now
उत्तर प्रदेश में मिशन-2027 से पहले अखिलेश यादव ने पहला बड़ा सख्त एक्शन लिया है। दरअसल, समाजवादी पार्टी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों का हवाला देते हुए तीन विधायकों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। निकाले गए विधायकों में गोशाईगंज से विधायक अभय सिंह, गौरीगंज से विधायक राकेश प्रताप सिंह और ऊंचाहार से विधायक मनोज कुमार पांडेय शामिल हैं। पार्टी ने इन विधायकों पर सांप्रदायिक और विभाजनकारी सियासत को बढ़ावा देने के साथ-साथ किसान विरोधी, महिला विरोधी, युवा विरोधी और व्यापार विरोधी नीतियों का समर्थन करने का आरोप लगाया है। समाजवादी पार्टी के हैंडल से पोस्ट किए गए बयान में लिखा गया-समाजवादी सौहार्दपूर्ण सकारात्मक विचारधारा की राजनीति के विपरीत साम्प्रदायिक विभाजनकारी नकारात्मकता व किसान, महिला, युवा, कारोबारी, नौकरीपेशा और पीडीए विरोधी विचारधारा का साथ देने के कारण, समाजवादी पार्टी जनहित में इन विधायकों को पार्टी से निष्कासित करती है। पार्टी ने कहा-इन लोगों को हृदय परिवर्तन के लिए दी गयी अनुग्रह-अवधि की समय-सीमा अब पूर्ण हुई, शेष की समय-सीमा अच्छे व्यवहार के कारण शेष है। भविष्य में भी जन-विरोधी लोगों के लिए पार्टी में कोई स्थान नहीं होगा और पार्टी के मूल विचार की विरोधी गतिविधियां सदैव अक्षम्य मानी जाएंगी।
समाजवादी पार्टी ने साफ कर दिया है कि वह अपनी मूल विचारधारा और सिद्धांतों के खिलाफ किसी भी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगी। पार्टी ने यह भी कहा है कि वह पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल किसी भी सदस्य के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। निष्कासित विधायकों को सुधरने का मौका दिया गया था, लेकिन वे ऐसा करने में विफल रहे।
सपा के मुताबिक, पार्टी अपनी विचारधारा और सिद्धांतों से समझौता नहीं करेगी। पार्टी के मूल मूल्यों के खिलाफ जाने वाली कोई भी गतिविधि अस्वीकार्य मानी जाएगी। इन विधायकों को निष्कासित करने का पार्टी का फैसला पार्टी की विचारधारा और सिद्धांतों को कायम रखने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। पार्टी का लक्ष्य अपने समर्थकों और आम जनता के बीच अपनी विश्वसनीयता और प्रतिष्ठा बनाए रखना है।
इधर, डेढ़ साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बसपा गांव-गांव जाकर अपना जनाधार बढ़ा रही है। पार्टी की 1600 टीमें गांवों में पोलिंग बूथ और सेक्टर कमेटियां बनाकर लोगों को जोड़ रही हैं। पार्टी का कहना है कि पदाधिकारी भी नामित किए जा रहे हैं, जो लोगों को बसपा की नीतियों और विपक्ष की साजिशों से अवगत करा रहे हैं। पार्टी अध्यक्ष मायावती के निर्देश पर भाईचारा कमेटी और ओबीसी कमेटी लगातार काम कर रही हैं। पार्टी नेताओं का मानना है कि जिस तरह वर्ष 2007 में भाईचारा कमेटियों के जरिये समाज के सभी वर्गों के लोगों का गठबंधन स्थापित करते हुए सरकार बनाई गई थी, उसी फॉमूर्ले पर अगले विधानसभा चुनाव की तैयारी करनी है।