देश में बारिश-बाढ़ का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। शहर और गांवों में एक जैसे हालात हो गए हैं। लोगों की जिंदगी बेपटरी हो गई है। स्कूल-कॉलेज बंद होने से बच्चों की पढ़ाई भी चौपट हो रही है। वहीं किसानों का तो हाल बेहाल है। सभी फसलें बर्बाद हो गई हैं। इधर, पंजाब के सभी 23 जिले अभी भी बाढ़ की चपेट में हैं।
By: Arvind Mishra
Sep 10, 2025just now
भोपाल/नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
देश में बारिश-बाढ़ का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। शहर और गांवों में एक जैसे हालात हो गए हैं। लोगों की जिंदगी बेपटरी हो गई है। स्कूल-कॉलेज बंद होने से बच्चों की पढ़ाई भी चौपट हो रही है। वहीं किसानों का तो हाल बेहाल है। सभी फसलें बर्बाद हो गई हैं। इधर, पंजाब के सभी 23 जिले अभी भी बाढ़ की चपेट में हैं। 2000 से ज्यादा गांवों में पानी भरा है। इधर, मध्यप्रदेश में मानसून अब कमजोर हो गया है। इस वजह से कुछ ही जिलों में बारिश का दौर है, बाकी जिलों में धूप निकल रही है। ऐसा मौसम 15 सितंबर तक रहेगा। इसके बाद एक बार फिर पूरे प्रदेश के भीगने का अनुमान है। बुधवार को राजधानी भोपाल में सबह से ही धूप खिली है। इससे लोगों ने राहत की सांस ली। मौसम विभाग ने मंडला, डिंडोरी, अनूपपुर और बालाघाट में अति बारिश की चेतावनी जारी है। यहां अगले 24 घंटे में ढाई से साढ़े 4 इंच तक पानी गिर सकता है। वहीं नर्मदापुरम के इटारसी में कैचमेंट एरिया में लगातार हो रही बारिश के कारण तवा डैम का जलस्तर 1165.80 फीट तक पहुंच गया है। इसके मद्देनजर बुधवार को सुबह 7:30 बजे से बांध के तीन गेट 5-5 फीट खोले गए हैं। इनसे 26,034 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
जम्मू-कश्मीर में जम्मू घाटी की लाइफ लाइन माने जाने वाले जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे बुधवार को 16 दिन बाद ट्रैफिक के लिए खोला गया। सड़क पर कई जगहों पर लगातार भूस्खलन के कारण इसे बंद रखा गया था। सबसे ज्यादा उदयपुर और रामबन जिलों में नुकसान हुआ था। एनएच की बहाली से कश्मीर घाटी से फलों और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति दोबारा से शुरू हुई है।
हरियाणा में सामान्य से 46 प्रतिशत ज्यादा बारिश हो चुकी है। राज्य में औसतन 385.1 मिमी बारिश होती थी, जो अब तक 563.8 मिमी हो चुकी है। अब तक सबसे ज्यादा बारिश यमुनानगर में 1080.8 मिमी दर्ज की गई है। वहीं गुजरात के बनासकांठा समेत 3 जिले में पिछले 2 दिनों में 16 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। इससे वाव-थराद और सुईगाम तालुका में बाढ़ आ गई। दर्जनों गांवों में 5 फीट तक पानी भरा हुआ है।
बस्तर संभाग में पिछले दिनों हुई तेज बारिश के बाद चार जिलों दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा और बस्तर में बाढ़ से 200 से ज्यादा मकान ढह गए हैं। यहां से 2196 लोग राहत शिविर में शिफ्ट किए गए हैं। इन लोगों को स्कूल, इंडोर स्टेडियम, आश्रमों में ठहराया गया है। बारसूर में स्टेट हाईवे 5 पर पुल टूटा है।