थाईलैंड-कंबोडिया ने मलयेशिया में अमेरिकी दबाव में बिना शर्त युद्धविराम पर सहमति जताई, लेकिन अगले ही दिन संघर्ष विराम पर विवाद खड़ा हो गया। थाई सेना ने कंबोडिया पर हमले का आरोप लगाया, जिसे कंबोडिया ने खारिज किया।
By: Sandeep malviya
Jul 29, 20256:06 PM
सुरिन। पांच दिनों तक चले थाईलैंड और कंबोडिया के बीच खूनी संघर्ष के बाद अमेरिकी दबाव में मलयेशिया में बिना शर्त युद्धविराम का ऐलान हुआ था। लेकिन मंगलवार युद्धविराम पर विवाद शुरू हो गया। थाईलैंड ने कंबोडिया पर गोलीबारी का आरोप लगाया, जबकि कंबोडिया ने दावा किया कि उसने समझौते के बाद कहीं कोई फायरिंग नहीं की। थाई सेना का कहना है कि मध्यरात्रि से युद्धविराम लागू होने के बाद भी कंबोडिया की ओर से कई मोर्चों पर गोलीबारी की गई। थाईलैंड के मेजर जनरल विथाई लाईथोम्या ने बयान जारी कर कहा कि यह युद्धविराम का जानबूझकर उल्लंघन है और भरोसे के साथ गंभीर खिलवाड़ है। थाई सेना के अनुसार, उन्होंने केवल जवाबी और रक्षात्मक कार्रवाई की।
कंबोडिया ने आरोपों को बताया निराधार
कंबोडिया के रक्षा मंत्रालय की प्रवक्ता माली सोचेटा ने थाई आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि युद्धविराम लागू होने के बाद से अब तक किसी भी मोर्चे पर कोई सशस्त्र संघर्ष नहीं हुआ है। कंबोडियाई नेतृत्व पूरी दृढ़ता से इस युद्धविराम को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के सैन्य कमांडर मंगलवार को पहली बैठक करेंगे, जो शांति बहाली की दिशा में अहम कदम होगी।
मलयेशिया की भूमिका और अमेरिका का दबाव
सोमवार को हुए इस समझौते में मलयेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने मध्यस्थता की। उन्होंने इस युद्धविराम को तनाव कम करने और सुरक्षा बहाल करने की दिशा में अहम पहला कदम बताया। अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी युद्धविराम का स्वागत करते हुए कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप और मैं दोनों इस संघर्ष को तुरंत रोकने के लिए प्रतिबद्ध हैं और दोनों सरकारों से समझौते का पूरा पालन करने की उम्मीद करते हैं।
फिलहाल कुछ इलाकों में शांति
सीमा के कुछ हिस्सों में शांति की स्थिति लौटने लगी है और जो लोग संघर्ष के चलते विस्थापित हुए थे, उनमें से कुछ अपने घरों को लौटने लगे हैं। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि पूरे सीमा क्षेत्र में शांति बनी है या कुछ जगहों पर तनाव बना हुआ है। इस ताजा संघर्ष की शुरूआत पिछले गुरुवार को हुई जब सीमा पर एक लैंड माइंस विस्फोट में पांच थाई सैनिक घायल हो गए। इसके बाद दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर हमले शुरू करने का आरोप लगाया। अब तक 35 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 2.6 लाख लोग दोनों देशों में विस्थापित हो चुके हैं।
पुराना सीमा विवाद पर नई राजनीति
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच 800 किलोमीटर लंबी सीमा दशकों से विवाद का विषय रही है। हालांकि अब तक टकराव सीमित और छोटे पैमाने पर ही रहे हैं। लेकिन मई में एक कंबोडियाई सैनिक की मौत के बाद हालात बिगड़ने लगे। इस घटना ने थाईलैंड की घरेलू राजनीति को भी प्रभावित किया और कूटनीतिक तनाव को बढ़ा दिया।