संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव 1988 के तहत गठित समिति तालिबान से जुड़े लोगों की यात्रा, संपत्ति और हथियार प्रतिबंधों की निगरानी करती है। तालिबानी नेताओं को अफगानिस्तान से बाहर जाने के लिए यूएनएससी से यात्रा प्रतिबंध में छूट की जरूरत होती है।
By: Sandeep malviya
Aug 10, 202519 hours ago
इस्लामाबाद। अमेरिका ने एक बार फिर पाकिस्तान को उसकी हैसियत का अहसास कराया है और अफगानिस्तान के विदेश मंत्री की पाकिस्तान यात्रा रोक दी है। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा तालिबान के नेताओं पर लगाए गए यात्रा प्रतिबंध में छूट को मंजूरी देने से इनकार कर दिया। जिसके चलते अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी को अपनी पाकिस्तान यात्रा टालनी पड़ी। इसके साथ ही अमेरिका ने दिखा दिया है कि भले ही वह दुनिया की दिखाए कि पाकिस्तान उसका सहयोगी देश है, लेकिन असल में अमेरिका, पाकिस्तान पर अपनी दादागिरी चलाता है और उसकी विदेश नीति को नियंत्रित करता है।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान में संबंध सुधारने की कवायद को लगा झटका
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, अफगानिस्तान के विदेश मंत्री का पाकिस्तान दौरा 4 अगस्त को प्रस्तावित था। यह दौरा अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच संबंधों को बेहतर बनाने के प्रयासों के तहत हो रहा था। इससे पहले पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री इशाक डार काबुल दौरे पर गए थे। इशाक डार के पाकिस्तान दौरे की व्यवस्था चीन ने की थी, उस दौरे पर ही अफगानिस्तानी विदेश मंत्री के पाकिस्तान दौरे पर सहमति बनी थी, लेकिन पाकिस्तान और चीन की इस पूरी कवायद पर अमेरिका ने पानी फेर दिया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव 1988 के तहत गठित समिति तालिबान से जुड़े लोगों की यात्रा, संपत्ति और हथियार प्रतिबंधों की निगरानी करती है। तालिबानी नेताओं को अफगानिस्तान से बाहर जाने के लिए यूएनएससी से यात्रा प्रतिबंध में छूट की जरूरत होती है।
चीन के अफगानिस्तान में बढ़ते दबदबे से अमेरिका परेशान
पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि वाशिंगटन ने अपने फैसले को आखिरी समय तक टाला और आखिरकार छूट देने से इनकार कर दिया, जिससे यात्रा रद्द हो गई। माना जा रहा है कि तालिबान सरकार की चीन के साथ बढ़ती नजदीकियों से परेशान होकर अमेरिका ने यह फैसला किया। अमेरिका नहीं चाहता कि अफगानिस्तान में चीन का दबदबा बढ़े। हालांकि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इन खबरों को महज अफवाह बताया, लेकिन अफगानिस्तान के विदेश मंत्री की यात्रा रद्द होने की कोई ठोस वजह भी नहीं बताई।