इस नई पॉलिसी के तहत वाहन चालकों को केवल उतना ही टोल टैक्स देना होगा जितने किलोमीटर की वो यात्रा करेंगे। यानी नई टोल पॉलिसी किलोमीटर बेस्ड टैक्स की वसूली करेगी।
By: Star News
Jun 12, 202510:48 AM
नई दिल्ली। अगर लोग अक्सर लंबी दूरी की यात्रा कार से करते हैं, तो यह खबर उनके लिए फायदेमंद है। केंद्र सरकार देशभर के एक्सप्रेसवे और हाईवे सिस्टम में एक बड़ा परिवर्तन लाने जा रही है। जल्द ही देश में एक नई टोल पॉलिसी लागू की जा सकती है, जो पुराने सिस्टम से बिल्कुल अलग होगी। दरअसल, केंद्र की मोदी सरकार एक नए टोल पॉलिसी पर काम कर रही है जिसके तहत उपभोक्ता को तय की गई दूरी के अनुसार टोल टैक्स का भुगतान करना होगा। इस नए सिस्टम को लागू करने के लिए आॅटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी पर बेस्ड एडवांस सिस्टम शुरू करने की प्रक्रिया में है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय देश में नई टोल नीति लाने की योजना बना रही है। इस नई पॉलिसी के तहत वाहन चालकों को केवल उतना ही टोल टैक्स देना होगा जितने किलोमीटर की वो यात्रा करेंगे। यानी नई टोल पॉलिसी किलोमीटर बेस्ड टैक्स की वसूली करेगी। हालांकि अभी सरकार द्वारा इस बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। दावा किया जा रहा है कि जल्द ही ऐलान होने वाला है।
इस नीति के तहत हर टोल बूथ पर फास्टैग और कैमरे लगाए जाएंगे और टोल सीधे कार मालिक के बैंक खाते से वसूला जाएगा। सरकार नई टोल पॉलिसी को आसानी से लागू करने के लिए आॅटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी पर बेस्ड एडवांस सिस्टम शुरू करने की प्रक्रिया में है। यह नीति देश भर में एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा करने वाले लोगों को राहत देने के लिए बनाई गई है।
मौजूदा समय में राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क नियम, 2008 के अनुसार, उपभोक्ता को एक सड़क परियोजना के अंतर्गत सड़क की लंबाई के आधार पर एक निश्चित राशि के टोल शुल्क का भुगतान करना होता है, जो सामान्यत: 60 किमी होता है। यदि इस नई पॉलिसी को लागू किया जाता है तो य केवल यात्रा को सुगम बनाएगा बल्कि किफायती भी होगा।
टोल बूथ पर लगे कैमरे कार की नंबर प्लेट को रिकॉर्ड करेंगे और फास्टैग से जुड़े बैंकों से टोल काटा जाएगा। इसके अलावा टोल टैक्स वाहन द्वारा तय किए गए किलोमीटर की यात्रा के हिसाब से वसूला जाएगा। यानी उपभोक्ता को केवल उतना ही टोल देना होगा जितने किलोमीटर की उसने यात्रा की है।
अगर बैंक में टोल की राशि के अनुसार बैलेंस कम है तो पेनाल्टी लगाई जा सकती है। साथ ही, मौजूदा पॉलिसी के मुताबिक, उपभोक्ता को कम से कम 60 किलोमीटर के लिए टोल देना होगा। चूंकि नई पॉलिसी किलोमीटर आधारित होने जा रही है, इसलिए यात्रियों के लिए यह ज्यादा किफायती होने की उम्मीद है।
यह भी कहा गया है कि, नई टोल पॉलिसी में टोल को बैरियर-फ्री भी बनाया जा सकता है। इससे यात्रा को और भी सुविधाजनक बनाने में मदद मिलेगी। यदि ऐसा होता है तो देशभर में हाईवे और एक्सप्रेसवे पर टोल बूथों पर लंबी वेटिंग लाइनों से छुटकारा मिलेगा। इसके अलावा विवाद की स्थिति से भी राहत मिलने की उम्मीद है।