मनरेगा का नाम बदलने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ भोपाल के मिंटो हॉल में कांग्रेस का धरना प्रदर्शन। नेताओं ने इसे महात्मा गांधी के सम्मान पर हमला बताया।
By: Ajay Tiwari
Dec 21, 20255:16 PM
भोपाल. स्टार समाचार वेब
मनरेगा का नाम बदलने के केंद्र सरकार के फैसले के विरोध में रविवार को भोपाल कांग्रेस कमेटी ने मिंटो हॉल परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए निर्णय को वापस लेने की मांग की। प्रदर्शन में भोपाल कांग्रेस जिला अध्यक्ष प्रवीण सक्सेना, वरिष्ठ कांग्रेस नेता जेपी धनोपिया समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए।
धरने को संबोधित करते हुए भोपाल कांग्रेस जिला अध्यक्ष प्रवीण सक्सेना ने कहा कि मनरेगा से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का नाम हटाना उनके सम्मान पर सीधा आघात है। कांग्रेस पार्टी इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ कांग्रेस का नहीं, बल्कि देश के हर नागरिक के सम्मान से जुड़ा मामला है। सरकार को नाम बदलने की राजनीति छोड़कर इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि आज भी मनरेगा के तहत मजदूरों को समय पर भुगतान नहीं मिल पा रहा है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी धनोपिया ने भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम वर्ष 2005 से लगातार 20 वर्षों से देश के ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों, आदिवासियों और मजदूर वर्ग को रोजगार उपलब्ध करा रहा है। यह योजना सिर्फ रोजगार देने तक सीमित नहीं रही, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूत रीढ़ बन चुकी है।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने स्वयं 11 वर्षों तक इस योजना का लाभ उठाया है, इसके बावजूद अब इसका नाम बदलने का फैसला समझ से परे है।
जेपी धनोपिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुराने संसद बयान का हवाला देते हुए कहा कि जब पीएम मोदी स्वयं मनरेगा को कांग्रेस शासन का “स्मारक” बता चुके हैं, तो फिर इस स्मारक को मिटाने की आवश्यकता क्यों महसूस हुई। उन्होंने कहा कि मनरेगा से महात्मा गांधी का नाम हटाकर भगवान राम का नाम जोड़ना केवल नाम परिवर्तन नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक और वैचारिक प्रतीक को छोटा करने का प्रयास है।
कांग्रेस नेताओं ने स्पष्ट किया कि भगवान राम देशवासियों की आस्था के केंद्र हैं, लेकिन उनके नाम पर महात्मा गांधी के योगदान को मिटाना न तो उचित है और न ही स्वीकार्य। कांग्रेस पार्टी का मानना है कि यह फैसला राजनीतिक संकीर्णता और वैचारिक द्वेष से प्रेरित है। जनता आने वाले समय में इसका जवाब जरूर देगी।
कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार से मांग की है कि मनरेगा के मूल नाम और पहचान को बरकरार रखा जाए। पार्टी ने चेतावनी दी कि यदि फैसला वापस नहीं लिया गया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
धरना प्रदर्शन में कांग्रेस सेवा दल अध्यक्ष अवनीश भार्गव, गोविंदपुरा विधानसभा प्रभारी नरेश सिंह, कांग्रेस कार्यकर्ता विनीता साहू, अनोखी मान सिंह, राहुल सिंह राठौर सहित कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित रहे।