भोपाल में ड्रग तस्करी और रेप केस के आरोपी यासीन और शाहवर मछली के परिवार की तीन मंजिला कोठी पर गुरुवार को जिला प्रशासन का बुलडोजर चला। इससे पहले कोठी में रखा सामान बाहर निकाला गया। वहां मौजूद पुलिस अधिकारी ने बताया कि कोठी का निर्माण सरकारी जमीन पर किया गया है, इसलिए पूरी इमारत को तोड़ा जा रहा है।
By: Arvind Mishra
Aug 21, 2025just now
भोपाल। स्टार समाचार वेब
भोपाल में ड्रग तस्करी और रेप केस के आरोपी यासीन और शाहवर मछली के परिवार की तीन मंजिला कोठी पर गुरुवार को जिला प्रशासन का बुलडोजर चला। इससे पहले कोठी में रखा सामान बाहर निकाला गया। वहां मौजूद पुलिस अधिकारी ने बताया कि कोठी का निर्माण सरकारी जमीन पर किया गया है, इसलिए पूरी इमारत को तोड़ा जा रहा है। इस दौरान एसडीएम विनोद सोनकिया समेत जिला प्रशासन, पुलिस और नगर निगम का अमला मौजूद रहा। वहीं स्थानीय लोगों ने मछली परिवार के साथ मिलकर भारी हंगामा किया, स्थिति तनावपूर्ण बनी रही। करीब छह हजार वर्ग फीट में तीन मंजिला कोठी का निर्माण तीन दशक पहले किया गया था। अतिक्रमण मुक्त कराई गई जमीन की कीमत 10 करोड़ बताई जा रही है। मौके पर तनानव बढ़ता देख चार सौ से ज्यादा पुलिस बल तैनात किया गया था। दोपहर खबर लिखे जाने तक प्रशासन की कार्रवाई जारी रही।
कागजों में पूरी तरह पुख्ता होने के बाद गुरुवार को कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया। इसके पहले बुधवार देर रात तक अफसरों के बीच बैठकें हुईं। इस दौरान अवैध निमार्णों को तोड़ने की रणनीति तैयार की गई। इसे पूरी तरह गोपनीय रखा गया। गुरुवार को कोठी पर एक्शन के लिए कोकता पुलिस चौकी पर तीनों ही विभागों का अमले को बुलाया गया। यहां से मौके पर टीम के पहुंचते ही कार्रवाई शुरू की गई। इस दौरान अफसरों के मोबाइल की घंटियां बराबर बजती रहीं।
30 जुलाई को ही मछली परिवार की तीन मंजिला कोठी को प्रशासन ने सील किया था। कुछ सामान तभी खाली करवा दिया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए प्रशासन ने नियमानुसार रियायत दी थी।
30 जुलाई को भारी पुलिस बल के साथ प्रशासन और नगर निगम की टीम ने मछली परिवार की अवैध संपत्ति पर कार्रवाई की थी। यहां करीब 50 एकड़ सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बने फार्म हाउस, वेयर हाउस, फैक्ट्री और मकान को तोड़ा था। अवैध संपत्ति की कुल कीमत 100 करोड़ रुपए आंकी गई थी।
फार्म हाउस में झूलों से लेकर स्विमिंग पूल समेत शान-ओ-शौकत का महंगा सामान था। जिस जगह फार्म हाउस, कोठी, फैक्ट्री, मदरसा थे, वहां सड़क, बीचोंबीच पाम के पेड़ लगे हैं। जबकि हताईखेड़ा के अन्य इलाकों में सड़कें कीचड़ से सनी और कच्ची नजर आईं। अवैध निर्माण हताईखेड़ा डैम से 50-100 मीटर के दायरे में ही किया गया था। कॉलोनी की सड़क डैम के पानी को छू रही थी।