सीरिया में ड्रूज समुदाय और सरकार के बीच एक बार फिर संघर्षविराम की घोषणा की गई है। यह फैसला हालिया हिंसक झड़पों और इस्राइल की दमिश्क में बमबारी के बाद लिया गया। इस्राइल ने ड्रूज समुदाय की सुरक्षा और इस्लामी आतंकियों को सीमा से दूर रखने के उद्देश्य से कार्रवाई की थी।
By: Sandeep malviya
Jul 16, 2025just now
दमिश्क। सीरिया में वर्षों चले गृहयुद्ध के बाद जब देश में राजनीतिक स्थिरता की उम्मीदें बढ़ रही थीं, तब ड्रूज अल्पसंख्यक और सरकारी बलों के बीच नए सिरे से शुरू हुई झड़पों ने हालात फिर से बिगाड़ दिए। इस बीच बुधवार को सीरियाई सरकार और ड्रूज नेताओं ने एक नया संघर्षविराम घोषित किया है। यह ऐलान एक दिन पहले हुए असफल संघर्षविराम के बाद हुआ है, जिसे जल्द ही तोड़ दिया गया था। सरकारी समाचार एजेंसी सना और एक ड्रूज धार्मिक नेता द्वारा जारी वीडियो संदेश में इस संघर्षविराम की घोषणा की गई। हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि यह नया समझौता टिक पाएगा या नहीं। इससे पहले मंगलवार को घोषित युद्धविराम कुछ ही घंटों में टूट गया था, जिससे स्थानीय हालात और ज्यादा तनावपूर्ण हो गए थे।
इस्राइल की सीधी कार्रवाई ने बढ़ाई हलचल
इस पूरे घटनाक्रम में इस्राइल की भूमिका भी बेहद अहम रही। इस्राइल ने सीरिया की राजधानी दमिश्क में दुर्लभ हवाई हमले किए, जो देश की संप्रभुता पर बड़ा हस्तक्षेप माना जा रहा है। इस्राइल ने दावा किया है कि ये हमले ड्रूज समुदाय की रक्षा और इस्लामी चरमपंथियों को सीमाओं से दूर रखने के लिए किए गए हैं। ड्रूज समुदाय इस्राइल में भी बड़ी संख्या में मौजूद है, जिससे इस्राइली सरकार पर दबाव बढ़ा है।
गृहयुद्ध के बाद सबसे बड़ा संकट ?
राजनीतिक जानकारों के अनुसार, यह स्थिति सीरिया में नई सरकार के सामने सबसे बड़ा सुरक्षा संकट बनकर उभरी है। 2023 के अंत में जब इस्लामी विद्रोही गुटों ने राष्ट्रपति बशर अल-असद को सत्ता से बेदखल कर दिया था, तब उम्मीद जगी थी कि एक नई स्थायी सरकार देश में स्थिरता लाएगी। लेकिन अब इन घटनाओं से नए सिरे से संकट गहराता दिख रहा है।
14 साल बाद शांति की कोशिशों पर खतरा
सीरिया में लगभग 14 साल लंबे गृहयुद्ध के बाद हाल ही में बनी नई सत्ता को इस संघर्ष से कड़ी चुनौती मिल रही है। युद्ध के दौरान ड्रूज समुदाय ने कई बार सरकार से दूरी बनाई थी और अब जब वे फिर से सुरक्षा और अधिकारों की मांग कर रहे हैं, तो टकराव का माहौल बन गया है। इस बीच सीमावर्ती इलाकों में आम नागरिकों का जनजीवन भी अस्त-व्यस्त हो गया है।
अगले कदम पर टिकी हैं निगाहें
फिलहाल अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस संघर्षविराम को एक उम्मीद के रूप में देख रहा है, लेकिन सबकी निगाहें इस पर हैं कि क्या यह समझौता स्थायी शांति की दिशा में ले जाएगा या फिर एक और असफल प्रयास साबित होगा। इस घटनाक्रम में इस्राइल की सैन्य भूमिका और सीरियाई सरकार की प्रतिक्रिया आगे की स्थिति को तय करेगी।