राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस विजयादशमी के अवसर पर अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण करने जा रहा है। संघ शताब्दी वर्ष का शुभारंभ विजयादशमी उत्सव पर्व के साथ ही शुरू हो जाएगा। उज्जैन महानगर के स्वयंसेवक विजयादशमी पर निकलने वाले पथ संचलन को ऐतिहासिक बनाने के लिए एक माह से घर-घर संपर्क अभियान चलाकर संचलन में चलने और परिवार सहित संचलन को देखने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं।
By: Arvind Mishra
Sep 21, 202512 hours ago
उज्जैन। स्टार समाचार वेब
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस विजयादशमी के अवसर पर अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण करने जा रहा है। संघ शताब्दी वर्ष का शुभारंभ विजयादशमी उत्सव पर्व के साथ ही शुरू हो जाएगा। उज्जैन महानगर के स्वयंसेवक विजयादशमी पर निकलने वाले पथ संचलन को ऐतिहासिक बनाने के लिए एक माह से घर-घर संपर्क अभियान चलाकर संचलन में चलने और परिवार सहित संचलन को देखने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। साथ ही नए स्वयंसेवकों को जोड़ने का अभियान भी शुरू किया है। दरअसल, आरएसएस अपने शताब्दी वर्ष में विजयादशमी पर निकलने वाले पथ संचलन को ऐतिहासिक बनाने की तैयारी में जुट गया है। इस बार संचलन को लेकर कई बदलाव किए गए हैं। पहली बार संघ ने पथ संचलन और विजय उत्सव में हर परिवार से एक सदस्य को शामिल करने का लक्ष्य तय किया है। साथ ही इसका समय सुबह के स्थान पर शाम 4 बजे रखा गया है। विभाग कार्यवाह पारस गेहलोत ने जानकारी दी कि हर साल उज्जैन महानगर के 7 नगरों से अलग-अलग संचलन निकलते हैं, जिनमें औसतन एक-एक हजार स्वयंसेवक शामिल होते हैं। लेकिन इस बार लक्ष्य 2 से 3 हजार स्वयंसेवकों का रखा गया है। अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने के लिए इस बार का पथ संचलन दशहरे की बजाय रविवार (5 अक्टूबर) को निकाला जाएगा। आमतौर पर संचलन सुबह निकलता है, लेकिन इस बार शाम 4 बजे से होगा। संचलन शुरू होने से पहले समता प्रयोग (पीटी-आसन) का प्रदर्शन और बौद्धिक कार्यक्रम होगा। अलग-अलग नगरों में संघ के विभिन्न पदाधिकारी बौद्धिक देंगे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उज्जैन के महानगर प्रचार प्रमुख ओजस व्यास ने बताया कि इस वर्ष स्वयंसेवकों में काफी उत्साह है। उज्जैन महानगर के सात अलग-अलग स्थानों से संचलन निकालने की तैयारियां युद्धस्तर पर चल रही हैं। प्रत्येक नगर से ढाई से तीन हजार स्वयंसेवकों की भागीदारी का अनुमान है। कुल मिलाकर 20 हजार स्वयंसेवक संचलन में शामिल होंगे। पथ संचलन के लिए गणवेश वितरण भी तेजी से किया जा रहा है। इस वर्ष 7 हजार नई गणवेश वितरित करने का लक्ष्य है। अभी तक 3 हजार गणवेश तैयार हो चुकी हैं।
संघ शताब्दी वर्ष का यह संचलन पंच परिवर्तन-कुटुंब प्रबोधन, समरसता, पर्यावरण, नागरिक कर्तव्य और स्वभाव जागरण जैसे प्रमुख कार्यों पर केंद्रित रहेगा।
शताब्दी वर्ष में निकलने वाले इस ऐतिहासिक संचलन को लेकर पुराने और नए स्वयंसेवकों में उत्साह देखा जा रहा है। पथ संचलन को लेकर चिंतामन मार्ग स्थित होटल सॉलिटियर में आरएसएस ने सहयोगी संगठनों के प्रमुखों के साथ बैठक की। जिसमें करीब 300 लोग शामिल हुए।
प्रत्येक घर तक संपर्क कर एक सदस्य को संचलन या विजयोत्सव में शामिल करना है। पदाधिकारी कम से कम पांच लोगों से व्यक्तिगत संपर्क करेंगे। संचलन में हर वर्ग, हर समाज और हर उम्र के लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। डॉक्टर, अभिभाषक, इंजीनियर, उद्योगपति, नौकरीपेशा, समाजसेवी, व्यापारी और कॉरपोरेट जगत के लोग भी शामिल हों। महानगर उज्जैन के सात नगरों से संचलन निकलेगा और प्रत्येक में कम से कम तीन हजार लोग शामिल होंगे।