मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर घोषणा की है कि मध्य प्रदेश में श्रीकृष्ण से जुड़े स्थलों को तीर्थ के रूप में विकसित किया जाएगा। साथ ही, मंदिरों में आकर्षक सजावट के लिए 15 पुरस्कार दिए जाएंगे।
By: Star News
Aug 16, 202535 minutes ago
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के भव्य समारोह में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े सभी स्थानों और लीलास्थलों को तीर्थ के रूप में विकसित करेगी, ठीक वैसे ही जैसे राम वनगमन पथ का विकास किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित 'श्रीकृष्ण जन्मोत्सव' में उन्होंने उज्जैन के सांदीपनि आश्रम, धार के जानापाव और अमझेरा को तीर्थ के रूप में विकसित करने की बात कही। उन्होंने कहा कि ये सभी स्थान गोकुल जितने ही पवित्र हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच बाल-गोपाल स्वरूप का जलाभिषेक और पूजा-अर्चना की।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राज्य के मंदिरों में आकर्षक साज-सज्जा और श्रृंगार को प्रोत्साहित करने के लिए 15 पुरस्कारों की घोषणा की। ये पुरस्कार इस प्रकार हैं:
तीन पुरस्कार: 1.50 लाख रुपये प्रत्येक
पांच पुरस्कार: 1 लाख रुपये प्रत्येक
सात पुरस्कार: 51 हजार रुपये प्रत्येक
यह पहल संस्कृति विभाग के तहत 162 स्थानों पर आयोजित भक्ति कार्यक्रमों और 3,000 से अधिक मंदिरों में जन्माष्टमी के उत्सव को और भव्य बनाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने 'घर-घर गोकुल' और 'घर-घर गोपाल' बनाने के लिए प्रदेश में सांदीपनि विद्यालय स्थापित किए हैं, जहां बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और भगवान श्रीराम व श्रीकृष्ण के जीवन आदर्श सिखाए जाएंगे। उन्होंने गौमाता के संरक्षण और दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए शुरू की गई डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना का भी जिक्र किया।
इस भव्य समारोह में एक हजार से अधिक बच्चे राधा-कृष्ण की वेशभूषा में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने बच्चों के साथ मटकी फोड़ी और 'गोविंदा आला रे' गाना भी गाया, जिससे पूरा माहौल कृष्णमय हो गया। इस अवसर पर कई मंत्री, सांसद और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।