पाकिस्तान को एक बार फिर मुंह की खानी पड़ी है। यूएनएससी में कश्मीरी महिलाओं का जिक्र करने पर पाकिस्तान को भारत से करार जवाब मिला है। यूएन में भारतीय प्रतिनिधि पर्वतनेनी हरीश ने पड़ोसी मुल्क की बोलती करते हुए कहा कि पाकिस्तान अभी तक भ्रम में जी रहा है।
By: Arvind Mishra
Oct 07, 20259:58 AM
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
पाकिस्तान को एक बार फिर मुंह की खानी पड़ी है। यूएनएससी में कश्मीरी महिलाओं का जिक्र करने पर पाकिस्तान को भारत से करार जवाब मिला है। यूएन में भारतीय प्रतिनिधि पर्वतनेनी हरीश ने पड़ोसी मुल्क की बोलती करते हुए कहा कि पाकिस्तान अभी तक भ्रम में जी रहा है। हरीश ने कहा कि पड़ोसी मुल्क दुनिया को गुमराह कर रहा है। हरीश ने कहा यह एक ऐसा देश है, जिसने 1971 में आॅपरेशन सर्चलाइट चलाया और इन्हीं की सेना के द्वारा 4,00,000 से ज्यादा महिलाओं का सामूहिक दुष्कर्म और नरसंहार के अभियान को मंजूरी दी गई। दुनिया पाकिस्तान के प्रोपोगेंडा को अच्छी तरह से समझती है। दरअसल, भारत ने पाकिस्तान को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय पटल पर बेनकाब किया है। यूएनएससी में महिला शांति और सुरक्षा विषय पर खुली बहस के दौरान भारत की स्पष्ट नीति को रेखांकित करते हुए कहा कि महिला, शांति और सुरक्षा के एजेंडे पर हमारा (भारत) अग्रणी रिकॉर्ड बेदाग और अक्षुण्ण है।
हरीश ने संयुक्त राष्ट्र के मंच पर मजबूती से भारत का पक्ष रखते हुए कहा, महिला शांति सैनिकों को आगे बढ़ाने में भारत का नेतृत्व किरण बेदी जैसी हस्ती ने किया है। भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की पहली महिला अधिकारी डॉ. किरण बेदी को 22 साल पहले वर्ष 2003 में पहली महिला पुलिस सलाहकार और संयुक्त राष्ट्र पुलिस प्रभाग की प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था। इससे भारत का नजरिया स्पष्ट होता है।
हरीश ने कहा- हमारा मानना है कि अब सवाल यह नहीं रह गया है कि महिलाएं शांति की स्थापना कर सकती हैं या नहीं। बल्कि, अधिक प्रासंगिक सवाल अब यह है कि क्या महिलाओं के बिना शांति स्थापना संभव है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि महिलाएं लिंग आधारित हिंसा से निपटने में मदद करती हैं। यह सुनिश्चित करती हैं कि शांति प्रक्रिया समाज के सभी वर्गों की जरूरतों और दृष्टिकोणों को प्रतिबिंबित करें।
राजदूत हरीश विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के शब्दों को उद्धृत करते हुए कहा, महिला शांति सैनिक शांति की दूत हैं। उन्होंने देश की नीतियों को स्पष्ट करने के साथ-साथ पाकिस्तान के दोहरे चरित्र को भी उजागर किया। 'दुर्भाग्यवश, हर साल हमें अपने देश के खिलाफ पाकिस्तान की भ्रामक आलोचना सुनने को मिलती है, खासकर जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर। लालच के कारण उनकी नजर इस भारतीय क्षेत्र पर है।
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थाई मिशन का हिस्सा रहीं साईमा सलीम की टिप्पणी पर भारत ने यह कड़ी प्रतिक्रिया दी है। सलीम ने कहा- कश्मीरी महिलाओं की दशकों से दुर्दशा हो रही है। वो युद्ध के हथियारों के रूप में इस्तेमाल की गईं और यौन हिंसा को भी सालों से सहन कर रही हैं।