AIMPLB की अहम बैठक में वक्फ संशोधन कानून पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विश्लेषण हुआ। बोर्ड ने 8.4 लाख संपत्तियों के रिकॉर्ड अपलोड करने की समय सीमा बढ़ाने के लिए याचिका दायर की और वक्फ हेल्प डेस्क स्थापित करने का निर्णय लिया।
By: Ajay Tiwari
Oct 12, 20253 hours ago
नई दिल्ली. स्टार समाचार वेब
वक्फ संपत्ति विवाद: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने वक्फ संशोधन कानून पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के बाद अपनी पहली फिजिकल बैठक आयोजित की। इस महत्वपूर्ण बैठक में बोर्ड ने कोर्ट के निर्णय का गहन विश्लेषण किया और इसके संभावित प्रभावों पर चर्चा की। इसके साथ ही, केंद्र सरकार के UMMEED पोर्टल पर वक्फ संपत्तियों के दस्तावेज अपलोड करने की समय सीमा को लेकर गंभीर चिंताएं व्यक्त की गईं।
बोर्ड के प्रवक्ता सैयद कासिम रसूल इलियास ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज अपलोड करने के लिए 5 दिसंबर तक की समयसीमा तय की है। हालांकि, देश भर की लगभग 8 लाख 40 हजार संपत्तियों के रिकॉर्ड को इतने कम समय में अपलोड करना संभव नहीं है। इस चुनौती को देखते हुए, AIMPLB ने सुप्रीम कोर्ट में समय बढ़ाने के लिए एक याचिका दायर की है। इसके अतिरिक्त, बोर्ड ने वक्फ बोर्डों की सहायता के लिए वक्फ हेल्प डेस्क स्थापित करने का भी निर्णय लिया है।
इलियास ने स्पष्ट किया कि जब तक सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला नहीं आता, तब तक UMMEED पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड करने का कार्य जारी रहेगा। उन्होंने आगाह किया, “अगर फैसला हमारे पक्ष में नहीं आया तो हमारे पास बहुत कम समय बचेगा।” AIMPLB का मानना है कि इतने बड़े पैमाने पर डेटा अपलोड करने के लिए कम से कम कुछ महीनों की और मोहलत मिलनी चाहिए।
बोर्ड ने यह दोहराया कि वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ उसका अभियान जारी रहेगा। इस संबंध में पूर्व निर्धारित सभी कार्यक्रम योजना के अनुसार चलते रहेंगे। AIMPLB का कहना है कि यह कानून मुस्लिम समुदाय की धार्मिक और सामाजिक संपत्तियों के अधिकारों में हस्तक्षेप करता है। इसलिए, इसके विरोध में शांतिपूर्ण कानूनी और जन-जागरूकता अभियान जारी रहेगा।
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री की भारत यात्रा पर AIMPLB ने कहा कि भारत द्वारा अफगानिस्तान के साथ संबंध बेहतर करने की पहल का बोर्ड स्वागत करता है। इलियास ने कहा, “भारत क्षेत्रीय स्थिरता और मानवीय संबंधों की दिशा में जो कदम उठा रहा है वह सराहनीय है।”
महिलाओं की एंट्री से जुड़े हालिया विवाद पर AIMPLB ने कहा कि “यह कहना मुश्किल है कि इसमें कोई तकनीकी मसला हुआ या नहीं।” इलियास ने कहा कि तालिबान के कई नेता देवबंद स्कूल ऑफ थॉट से जुड़े रहे हैं और उसका सम्मान करते हैं, इसलिए उनका वहां जाना कोई असामान्य बात नहीं है।