दुर्गापूजा, दीपोत्सव, अक्षय नवमी, परिक्रमा आदि धार्मिक आयोजनों निपटाने के बाद पुलिस थोड़ी चिंतामुक्त हुई है। अब 25 नवंबर को होने वाले ध्वजारोहण समारोह को सकुशल निपटाना चुनौतीपूर्ण है, जिसकी रिहर्सल शुरू कर दी गई है।
By: Arvind Mishra
Nov 03, 202511:49 AM
अयोध्या। स्टार समाचार वेब
दुर्गापूजा, दीपोत्सव, अक्षय नवमी, परिक्रमा आदि धार्मिक आयोजनों निपटाने के बाद पुलिस थोड़ी चिंतामुक्त हुई है। अब 25 नवंबर को होने वाले ध्वजारोहण समारोह को सकुशल निपटाना चुनौतीपूर्ण है, जिसकी रिहर्सल शुरू कर दी गई है। उत्सवों की नगरी अयोध्या में यूं तो पुलिस-प्रशासन के सामने हर दिन एक नई चुनौती रहती है, लेकिन पिछले करीब एक माह से चुनौतियां काफी बढ़ी है। विभिन्न आयोजनों पर 60 लाख श्रद्धालुओं को सुख-चैन से दर्शन कराने, गिनीज बुक में एक और रिकॉर्ड दर्ज कराने के बाद पुलिस ने राहत जरूर महसूस की है, लेकिन अभी उसकी परीक्षा निरंतर जारी है। वहीं -डॉ. गौरव ग्रोवर, एसएसपी, अयोध्या के एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने एक चर्चा के दौरान बताया कि अभी तक सभी धार्मिक आयोजन सकुशल संपन्न हुए हैं। ध्वजारोहण कार्यक्रम को लेकर पुलिस अलर्ट है। सुरक्षा का मजबूत खाका तैयार किया जा रहा है। अयोध्या आने वाले हर व्यक्ति को एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण वातावरण की अनुभूति हो, ऐसा प्रयास है।
अब सबसे बड़ी परीक्षा ध्वजारोहण कार्यक्रम की होगी, जिसमें प्रधानमंत्री का दौरा होगा। महज 22 दिन शेष इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में अभेद्य सुरक्षा व्यवस्था के लिए खुफिया एजेंसियों ने डेरा डालना शुरू किया है। पूर्व में हुए पीएम नरेंद्र मोदी के दौरों से जुड़ीं फाइलें पलटने की कवायद शुरू हुई है। राम मंदिर समेत समूची अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था फुलप्रूफ करने के लिए विशेषज्ञों की टीम जुट गई है।
यहां पहले से सेवाएं दे चुके अनुभवी अधिकारियों का सहयोग भी लिया जाएगा। वहीं, पिछले कई रिकॉर्ड बनाने से उत्सुक अधिकारी मन में रामकाज का भाव लिए इस आयोजन को सफलतम बनाने की तैयारी में जुट गए हैं। हालांकि, अब तक पीएम के दौरे का अधिकृत कार्यक्रम तो नहीं जारी हुआ है। पीएमओ की घोषणा के बाद से ही देश की बड़ी सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं।
ध्वजारोहण समारोह के मुख्य अतिथि पीएम नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को न सिर्फ राम मंदिर के शिखर पर ध्वजा फहराएंगे, बल्कि पूरे 70 एकड़ परिसर की भव्यता भी देखेंगे। पीएम सप्त मंडपम समेत परकोटा, शेषावतार मंदिर व कुबेर टीला पर भी दर्शन के लिए जाएंगे। प्रधानमंत्री को मंदिर परिसर की म्यूरल्स और ऋषि-मुनियों के आश्रम स्वरूप सप्त मंदिर क्षेत्र के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी जाएगी।
राम मंदिर परिसर में अब सिर्फ दो प्रमुख कार्य शेष हैं, जिनमें शहीद स्मारक का निर्माण भी शामिल है। शहीद स्मारक के तौर पर निर्मित किया जाने वाला धातु का स्तंभ फरवरी 2026 तक बनकर तैयार हो जाएगा। इसके अलावा अस्थायी मंदिर को मेमोरियल के तौर पर संरक्षित रखा जाएगा, जहां सदैव दीपक प्रज्ज्वलित रहेगा। 23 नवंबर को मीडिया के लिए मंदिर परिसर खोला जा सकता है ताकि पत्रकार स्थल का अवलोकन कर सकें।