मध्यप्रदेश में चीतों का बढ़ता कुनबा अब पालतू पशुओं के लिए काल बनता जा रहा है। इससे पशु पालकों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है। हालांकि वन विभाग की टीम अपने स्तर पर चीतों की निगरानी कर रही है, लेकिन चीते लगातार गांवों की तरफ रुख कर रहे हैं। इससे लोगों में दहशत भी देखी जा रही है।
By: Arvind Mishra
Aug 06, 2025just now
श्योपुर। स्टार समाचार वेब
मध्यप्रदेश में चीतों का बढ़ता कुनबा अब पालतू पशुओं के लिए काल बनता जा रहा है। इससे पशु पालकों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है। हालांकि वन विभाग की टीम अपने स्तर पर चीतों की निगरानी कर रही है, लेकिन चीते लगातार गांवों की तरफ रुख कर रहे हैं। इससे लोगों में दहशत भी देखी जा रही है। दरअसल, श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क से निकलकर दो चीते कराहल जनपद की ग्राम पंचायत जाखदा के ग्राम हसनपुर पहुंच गए हैं। बुधवार सुबह मादा चीता गामिनी और उसका शावक खेतों से होते हुए गांव पहुंच गए। उन्होंने घर के पास बंधे एक बछड़े का शिकार किया। गांव वालों ने इसका वीडियो भी बना लिया। कूनो सीसीएफ उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि जिस ग्रामीण के बछड़े का शिकार चीतों ने किया है, उसे मुआवजा मिलेगा। साथ ही, मॉनिटरिंग टीम द्वारा चीतों कों गांव से बाहर कर दिया है।
बुधवार सुबह 7 बजे गांव के ही रहने वाले पप्पू पटेलिया के बाड़े में बंधी गायों में हलचल होने लगी। यहां उसकी गाय और पास ही उसका बछड़ा खूंटे से बंधा था। दोनों चीतों ने बछड़े पर हमला कर दिया था। जहां एक घंटे तक दोनों ने वहीं बैठकर उसे खाया। कुछ लोगों ने दूर से इसका वीडियो भी बनाया। वीडियो में एक चीता अपने शिकार को खाते दिख रहा है। वहीं, दूसरा आराम कर रहा है। गांव के लोग डर के मारे घरों में ही दुबके रहे। डर के कारण कोई भी ग्रामीण बाहर नहीं निकला।
गांव वालों ने तुरंत वन विभाग को इसकी सूचना दी। इसके बाद टीम मौके पर पहुंचकर निगरानी में जुट गई। अधिकारियों ने तत्काल लोकेशन ट्रैक कर उन्हें गांव से बाहर खदेड़ना शुरू किया। दोनों चीतों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। उन्हें सुरक्षित तरीके से कूनो सेंचुरी में वापस भेजने का प्रयास किया जा रहा है। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि चीतों की मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है। दोनों चीतों को सुरक्षित जंगल क्षेत्र में ले जाने की कोशिश की जा रही है।
इस घटना से ग्रामीणों में आक्रोश है। उन्होंने वन विभाग से मांग की है कि सेंचुरी की सीमा को सुरक्षित बनाया जाए। ऐसे कदम उठाए जाएं जिससे चीते आबादी में न घुस सकें। ग्रामीणों का कहना है कि यदि वन विभाग समय पर नहीं पहुंचता, तो बड़ी अनहोनी की आशंका थी। यह पहली बार नहीं है, जब कूनो से चीते बाहर निकले हों। इस बार वे सीधे आबादी क्षेत्र तक पहुंच गए और शिकार भी कर लिया। गांव वालों ने यह भी कहा कि वन विभाग को गांव-गांव जाकर जागरूकता अभियान चलाना चाहिए, ताकि लोगों को पता चल सके कि यदि चीता या अन्य वन्यजीव गांव में घुस आए, तो उन्हें क्या करना चाहिए। सुरक्षा के लिए वन विभाग को रात्रिकालीन गश्त भी बढ़ानी चाहिए।