पत्रकारों के लिए एक बड़ी राहत की उम्मीद बनते हुए राज्यसभा सांसद साधना सिंह ने हाल ही में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात कर पत्रकारों को रेल यात्रा पर मिलने वाली 50 प्रतिशत रियायत को दोबारा बहाल करने की मांग की है। सांसद ने इस संबंध में रेल मंत्री को एक औपचारिक पत्र सौंपा।
By: Arvind Mishra
Sep 16, 20252:07 PM
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
पत्रकारों के लिए एक बड़ी राहत की उम्मीद बनते हुए उत्तर प्रदेश की राज्यसभा सांसद साधना सिंह ने हाल ही में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात कर पत्रकारों को रेल यात्रा पर मिलने वाली 50 प्रतिशत रियायत को दोबारा बहाल करने की मांग की है। सांसद ने इस संबंध में रेल मंत्री को एक औपचारिक पत्र सौंपा। सांसद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से आग्रह किया है कि पत्रकारों को दी जाने वाली रेल रियायत को तत्काल प्रभाव से बहाल किया जाए ताकि राष्ट्र निर्माण में लगे पत्रकारों को राहत मिल सके। सांसद के पत्र पर अब केंद्र सरकार ने सकारात्मक संकेत दिए हैं। रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस मुद्दे पर विस्तृत जांच के निर्देश दिए हैं। यह जानकारी राज्यसभा सांसद साधना सिंह के 22 जुलाई 2025 को लिखे गए पत्र के जवाब में सामने आई है, जिसमें उन्होंने पत्रकारों के लिए रियायत बहाल करने की मांग की थी। गौरतलब है कि कोरोना काल से पत्रकारों को और वरिष्ठ नागरिकों को रेलवे में यात्रा के दौरान मिलने वाली सभी सुविधाएं बंद कर दी गई थी। जो आज तक बहाल नहीं गई। इसको लेकर पत्रकार संगठन राज्यों से लेकर केंद्र सरकार तक से गुहार लगा चुके हैं।
रेल मंत्रालय की ओर से जारी किए गए पत्र में अश्विनी वैष्णव ने सांसद साधना सिंह को संबोधित करते हुए कहा है कि उनके पत्र में उठाए गए मुद्दे की विस्तृत जांच की जा रही है। यह कदम दर्शाता है कि सरकार पत्रकारों की मांग पर ध्यान दे रही है। इस पर जल्द ही कोई सकारात्मक निर्णय लिया जा सकता है।
गौरतलब है कि सांसद साधना सिंह ने संसद के सत्र के दौरान रेल बजट पर हुई बहस में भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। उन्होंने राज्यसभा में रेल मंत्री से सवाल किया था कि कोरोना काल से पहले पत्रकारों को रेलवे टिकट पर 50 प्रतिशत की जो छूट मिलती थी, उसे अब तक क्यों बहाल नहीं किया गया, जबकि स्थिति सामान्य हो चुकी है। सांसद ने इस रियायत को दोबारा शुरू करने की पैरवी की थी।