मध्यप्रदेश पुलिस विभाग में बड़े स्तर पर फेरबदल हुए हैं। डीजीपी कैलाश मकवाना के निर्देश पर यह कार्रवाई पुलिस व्यवस्था में पारदर्शिता, निष्पक्षता और कानून व्यवस्था में सुधार के उद्देश्य से की गई है। लेकिन आलम यह है कि सरकार की सख्ती के बाद भी पुलिसकर्मी थाना छोड़ने को तैयार नहीं हैं।
By: Arvind Mishra
Jun 29, 20251 hour ago
मध्यप्रदेश पुलिस विभाग में बड़े स्तर पर फेरबदल हुए हैं। डीजीपी कैलाश मकवाना के निर्देश पर यह कार्रवाई पुलिस व्यवस्था में पारदर्शिता, निष्पक्षता और कानून व्यवस्था में सुधार के उद्देश्य से की गई है। लेकिन आलम यह है कि सरकार की सख्ती के बाद भी पुलिसकर्मी थाना छोड़ने को तैयार नहीं हैं। थानों में पुलिसकर्मी कुंडलीमार कर बैठे हैं। भोपाल की बात करें तो डीजीपी के निर्देशों के बाद भी कई अधिकारी अब भी सालों से एक ही थाने और विभाग में जमे हुए हैं। डीजीपी के निर्देश से 699 पुलिस कर्मियों के तबादले किए गए, जिनमें 30 उप-निरीक्षक (एसआई) और 56 सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) शामिल हैं। लेकिन इसके बावजूद 50 अधिकारी ऐसे हैं जो फेरबदल से बचने में सफल रहे हैं। इन पुलिसकर्मियों की सूची तैयार करके विभाग जल्द ही ट्रांसफर की दूसरी सूची जारी करने की तैयारी में है। जिले में तैनात कुछ पुलिसकर्मी पिछले पांच साल से अधिक समय से एक ही पुलिस थाने में तैनात हैं। इसमें कुछ इंस्पेक्टर व एसआई 10 से 12 साल से जिले में अलग-अलग जगह सेवाएं दे रहे हैं।
बीते कुछ दिनों पहले ही भोपाल पुलिस कमिश्नरेट के अधीन आने वाले 37 थाने में 5 साल से अधिक समय से जमे 699 पुलिस कर्मियों की तबादला सूची देर रात जारी की गई थी। ट्रांसफर हुए पुलिसकर्मियों में शहर के 30 उप निरीक्षक, 56 सहायक उप निरीक्षक, 313 प्रधान आरक्षक और 301 आरक्षक शामिल हैं। पुलिस विभाग में हुए इस ट्रांसफर को लेकर कहा जा रहा है कि एक ही थाने में लंबे से जमे होने की वजह से कई शिकायतें सामने आ रही थी जिसके चलते इस पर संज्ञान लिया गया।
पुलिस कमिश्नरेट द्वारा एक और सूची आना लंबित है, जिसमें ऐसे लोगों को हटाया जाना है, जिनके खिलाफ कोई आपराधिक प्रकरण एवं विभागीय जांच की जा रही है। इसमें टीआई से लेकर आरक्षक स्तर के पुलिसकर्मी शामिल होंगे। इसके संबंध में आला अफसर जानकारी जुटा रहे हैं। समस्त डीसीपी से यह जानकारी मांगी गई है। अफसर बारीकी से इसकी जांच में जुटे हैं। चूक न हो इसके लिए सर्विस बुक भी चैक कर रहे हैं। चूंकि बहुत से पुलिसकर्मी बाहर से भी कमिश्नरेट में पदस्थ हैं। ऐसे में उनकी जानकारी खंगाली जा रही है। जल्द ही इस संबंध में सूची जारी होगी।
गौरतलब है कि पुलिस मुख्यालय द्वारा इस संबंध में गत 17 जून को आदेश जारी किया गया था। विशेष महानिदेशक आदर्श कटियार की ओर से जारी आदेश में निर्देशित किया गया कि जिन पुलिसकर्मियों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण विवेचना अथवा अभियोजन में लंबित है। जिन पुलिसकर्मियो के खिलाफ भ्रष्टाचार, नैतिक अद्योपतन, शारीरिक हिंसा एवं शारीरिक हिंसा एवं अवैध निरोध संबंधी आरोपों पर विभागीय जांच लंबित है, उन्हें पुलिस थानों, क्राइम ब्रांच अथवा किसी अधिकारी के कार्यालय में कार्य के लिए तैनात नहीं किया जाएगा।
बताया गया है कि जिला भोपाल के गत दिनों 148 नवआरक्षक मिले हैं, जिससे बल की कमी में राहत आएगी। इन 148 नवआरक्षकों में से 103 को नियुक्ति दे दी गई है। एक जुलाई को यह नव आरक्षक प्रशिक्षण के लिए जाएंगे।