मध्यप्रदेश सरकार ने एक बार फिर 24 आईएएस अफसरों के ट्रांसफर कर दिए। 12 जिलों के कलेक्टर बदले बदले गए हैं। वहीं विधायकों से विवाद के बाद भिंड और डिंडोरी कलेक्टर को भी हटा दिय गया है। साथ ही शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में ओएसडी रहे नीरज वशिष्ठ को पांढुर्णा जिले का कलेक्टर बनाया है।
By: Arvind Mishra
Oct 01, 202511:48 AM
भोपाल। स्टार समाचार वेब
मध्यप्रदेश सरकार ने एक बार फिर 24 आईएएस अफसरों के ट्रांसफर कर दिए। 12 जिलों के कलेक्टर बदले बदले गए हैं। वहीं विधायकों से विवाद के बाद भिंड और डिंडोरी कलेक्टर को भी हटा दिय गया है। साथ ही शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में ओएसडी रहे नीरज वशिष्ठ को पांढुर्णा जिले का कलेक्टर बनाया है। नवरात्रि के बीच किए गए फेर-बदल में सबसे खास यह रहा कि सरकार ने सात महिलाओं को कलेक्टर बनाया है। अब मध्यप्रदेश के एक तिहाई जिलों की कमान महिलाओं के हाथ है। प्रदेश में कभी भी 8 या 10 से ज्यादा महिलाओं से ज्यादा एक बार में कलेक्टर नहीं रहीं। इस बार 55 में से 17 जिलों की कलेक्टर महिलाएं हैं। ऐसा पहली बार हुआ है। दरअसल, सरकार ने मंगलवार को देर शाम 24 आईएएस के ट्रांसफर आदेश जारी कर बड़ा फेरबदल किया। इसमें सात महिलाओं को जिलों की कमान सौंपी गई है। इसमें पन्ना, नरसिंहपुर, सिवनी, अलीराजपुर, डिंडोरी, निवाड़ी और रतलाम जैसे सात जिलों में नई महिलाओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके साथ ही प्रदेश के 55 जिलों में से अब 17 महिलाएं कलेक्टर के पद पर पदस्थ हो गई हैं। सरकार ने डिंडोरी से कलेक्टर नेहा मारवा को हटा दिया है। वही सिवनी कलेक्टर संस्कृति जैन को भोपाल नगर निगम आयुक्त बनाया गया है।
सरकार ने उषा परमार को पन्ना, रजनी सिंह को नरसिंहपुर, नीतू माथुर को अलीराजपुर, अंजू पवन भदौरिया को डिंडोरी, जमुना भिडे को निवाड़ी, मिशा सिंह को रतलाम और नरसिंहपुर कलेक्टर शीतला पटले को सिवनी की कमान सौंपी गई है। वहीं, प्रदेश में अभी नर्मदापुरम सोनिया मीना, मैहर में रानी बाटड, रीवा में प्रतिभा पाल, ग्वालियर में रुचिका चौहान, मंदसौर में अदिति गर्ग, आगर मालवा में प्रीति यादव, शाजापुर में ऋजु बाफना, बड़वानी जयति सिंह, खरगोन में भव्या मित्तल और झाबुआ में नेहा मीना कलेक्टर हैं।
भिंड में भाजपा विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाहा से विवाद के बाद कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव को भी हटा दिया गया है। श्रीवास्वत को लोक निर्माण विभाग में अपर सचिव बनाया गया है। दरअसल, किसानों को खाद नहीं मिलने और रेत चोरी के कथित मामलों को लेकर विधायक और कलेक्टर आमने-सामने आ गए थे। कलेक्टर के अंगुली दिखाने पर विधायक ने मुक्का तान दिया था। यह विवाद भोपाल तक पहुंचा था। इस मामले, आईएएस एसोसिएशन ने कलेक्टर के साथ हुए दुर्व्यवहार को लेकर मुख्यंत्री को ज्ञापन दिया था। वहीं, प्रदेश भाजपा संगठन ने विधायक को बुलाकर व्यवहार सुधारने के लिए कहा था।
आईएएस बनने के 14 साल बाद पहली बार डिंडोरी कलेक्टर बनीं नेहा मारव्या को लेकर भी जनप्रतिनिधियों ने भोपाल शिकायत की थी। भाजपा विधायक ओम प्रकाश धुर्वे ने कलेक्टर पर गंभीर आरोप लगाए थे। विधायक के आरोप लगाए थे कि जनसुनवाई में शिकायतों पर कोई समाधान नहीं किया जाता। उलटा जनता को साथ कलेक्टर पर दुर्व्यहार केआरोप लगाए थे। उन्होंने कहा कि कलेक्टर विकास कार्यों को रोक रही है। अब नेहा मारव्या को डिंडोरी कलेक्टर के पद से हटा कर विमुक्त घुमन्तु एवं अर्धघुमन्तु जनजाति विभाग का संचालक बनाया गया है।