कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान मीनाक्षी लेखी घायल हो गईं हैं। परिक्रमा के दौरान लेखी घोड़े पर सवार थीं, तभी अचानक संतुलन बिगड़ने से वह गिर पड़ीं। इससे उनकी पीठ में चोट लग गई। इस वजह से उन्होंने कैलाश मानसरोवर यात्रा बीच में ही छोड़ने का निर्णय लिया और अब वह वापस भारत लौट रही हैं।
By: Arvind Mishra
Jul 20, 20251 hour ago
कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान मीनाक्षी लेखी घायल हो गईं हैं। परिक्रमा के दौरान लेखी घोड़े पर सवार थीं, तभी अचानक संतुलन बिगड़ने से वह गिर पड़ीं। इससे उनकी पीठ में चोट लग गई। इस वजह से उन्होंने कैलाश मानसरोवर यात्रा बीच में ही छोड़ने का निर्णय लिया और अब वह वापस भारत लौट रही हैं। दरअसल, पूर्व केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान घायल हो गईं। तिब्बत के दारचिन क्षेत्र में यात्रा करते समय वे घोडेÞ से गिर गईं, जिससे उन्हें गंभीर चोट आई। शुरुआती जांच में उनकी कमर में गंभीर चोट का पता चला है। घटना के बाद मीनाक्षी लेखी को यात्रा के बीच में ही भारत लाया गया है। रविवार सुबह उन्होंने लिपुलेख बॉर्डर पार किया और गूंजी पहुंचीं। इसके बाद उन्हें सड़क मार्ग से धारचूला लाया जा रहा है।
उच्च हिमालयी क्षेत्र में मौसम खराब होने की वजह से हेलीकॉप्टर के जरिए रेस्क्यू संभव नहीं हो सका। इस वजह से जमीनी रास्ते से ही उन्हें रेस्क्यू किया जा रहा है। लिपुलेख पास से होकर कैलाश मानसरोवर यात्रा पर निकले 48 तीर्थयात्रियों का दूसरा जत्था 14 जुलाई को तिब्बत में प्रवेश किया था। इसी जत्थे में मीनाक्षी लेखी 14 महिला तीर्थयात्रियों में से एक थीं।
इससे पहले 45 तीर्थयात्रियों का पहला जत्था 10 जुलाई को 17,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित लिपुलेख पास को पार कर तिब्बत में प्रवेश किया था। तिब्बत में ठहरने के दौरान तीर्थयात्री तकलाकोट, दारचिन, डेरा फुक, जुंगहुई पू और कुगु में आराम करेंगे और कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील की परिक्रमा करेंगे।
कैलाश मानसरोवर यात्रा को दोबारा शुरू किए जाने पर भारत-चीन के बीच हाल ही में सहमति बनी है। इसको लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी बयान दिए थे और कहा कि हमने अपने राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मनाई है। कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली की भी भारत में बड़ी सराहना की जा रही है। हम संबंधों को लगातार नॉर्मलाइज करने पर काम कर रहे हैं, जिससे दोनों देशों को फायदे होंगे।
इधर, इस वर्ष शांति और सुरक्षा के बीच अमरनाथ यात्रा जारी है। तीन जुलाई को शुरू हुई इस यात्रा में अब तक 2.73 लाख से अधिक श्रद्धालु पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन कर लिए हैं। पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर इस बार अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस के साथ-साथ 180 अतिरिक्त कंपनियां केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनात की गई हैं। इस साल सुरक्षा कारणों के चलते हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं है।