अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 30 से अधिक बार 10 मई को भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम कराने का दावा कर चुके हैं। भारत ट्रंप के इन दावों को लगातार खारिज करता रहा है। अब पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने भी अमेरिकी राष्ट्रपति के दावे की पोल खोल दी।
By: Sandeep malviya
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के विदेश मंत्री और उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम कराने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे की पोल खोल दी। पाकिस्तान विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने मई में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सैन्य संघर्ष के दौरान उनसे कहा था कि भारत ने युद्ध विराम के लिए तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से इनकार कर दिया, क्योंकि यह दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है।
हमें तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से कोई आपत्ति नहीं: पाकिस्तान
एक विदेशी चैनल को दिए साक्षात्कार में डार ने कहा कि जब उन्होंने रुबियो से सैन्य संघर्ष के दौरान भारत के साथ तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के बारे में पूछा तो अमेरिकी अधिकारी ने उन्हें बताया कि नई दिल्ली ने इससे इनकार कर दिया है क्योंकि यह एक द्विपक्षीय मामला है। उन्होंने कहा कि हमें तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन भारत इसे द्विपक्षीय मुद्दा कह रहा है। हमें द्विपक्षीय मध्यस्थता से भी कोई आपत्ति नहीं है। जब मैं 25 जुलाई को वॉशिंगटन में विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मिला तो मैंने उनसे पूछा कि वार्ता का क्या हुआ? इस पर मार्को रुबियो ने कहा कि भारत का कहना है कि यह एक द्विपक्षीय मुद्दा है।
'पाकिस्तान बातचीत के लिए तैयार'
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि हम द्विपक्षीय वार्ता के लिए तैयार हैं, लेकिन हम बातचीत के लिए भीख नहीं मांगेंगे। हम किसी चीज की भीख नहीं मांग रहे हैं। अगर कोई देश बातचीत चाहता है तो हमें खुशी होगी। हम उसका स्वागत करते हैं। हम एक शांतिप्रिय देश हैं। हमारा मानना है कि बातचीत ही आगे बढ़ने का रास्ता है। बातचीत के लिए दो लोगों की जरूरत होती है। जब तक भारत बातचीत की इच्छा नहीं रखता, हम उसे मजबूर नहीं कर सकते।
ट्रंप कई बार कर चुके हैं संघर्ष विराम कराने का दावा
10 मई को भारत-पाकिस्तान में संघर्ष विराम के बाद से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 30 से ज्यादा बार दोनों देशों में संघर्ष विराम कराने का दावा कर चुके हैं। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के समाधान में मदद की और दोनों देशों से कहा कि अगर वे संघर्ष रोक दें तो अमेरिका उनके साथ व्यापार बढ़ाएगा। हालांकि भारत लगातार यह कहता रहा है कि पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम पर सहमति दोनों सेनाओं के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच सीधी बातचीत के बाद बनी थी।