ब्राजील के बेलेम में हुई सीओपी-30 में भारत जलवायु न्याय की मजबूत आवाज बनकर सामने आया। भारत ने ब्राजील के समावेशी नेतृत्व की सराहना करते हुए समानता और वैश्विक एकजुटता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। जीजीए में हुई प्रगति का स्वागत करते हुए भारत ने कहा कि विकसित देशों को अब 33 साल पुराने जलवायु वित्त के वादे निभाने होंगे।
By: Sandeep malviya
Nov 23, 20256:18 PM
ब्राजील। भारत ने ब्राजील के बेलेम में हुई संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन सीओपी-30 में जलवायु न्याय की मजबूत आवाज बनकर उभरते हुए ब्राजील के समावेशी नेतृत्व की सराहना ही। साथ ही जलवायु न्याय, समानता और वैश्विक एकजुटता के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्धता पर जोर दिया। भारत ने सम्मेलन में लिए गए कई महत्वपूर्ण फैसलों का स्वागत किया और सीओपी अध्यक्ष का धन्यवाद करते हुए कहा कि उनका नेतृत्व समावेश, संतुलन और ब्राजील की सामूहिक प्रयास की भावना पर आधारित रहा, जिसने पूरे सम्मेलन को सकारात्मक दिशा दी।
अनुकूलन पर प्रगति का स्वागत
इसके साथ ही भारत ने ग्लोबल गोल आन एडॉप्टेशन (जीजीए) में हुई प्रगति का स्वागत किया। साथ ही कहा कि यह फैसले विकासशील देशों की जरूरतों को समझते हैं, क्योंकि जलवायु परिवर्तन का असर सबसे ज्यादा उन पर है। इस दौरान भारत ने दोहराया कि विकसित देशों की लंबे समय से चली आ रही जिम्मेदारी है कि वे विकासशील देशों को पर्याप्त जलवायु वित्त उपलब्ध कराएं। भारत ने उम्मीद जताई कि 33 साल पहले रियो में किए गए वादों को अब पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ेंगे।
न्यायपूर्ण संक्रमण तंत्र का समर्थन
भारत ने सीओपी-30 के सबसे महत्वपूर्ण परिणाम के रूप में ह्यजस्ट ट्रांजिशन मैकेनिज्मह्ण की स्थापना को बताया। भारत ने कहा कि यह कदम वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर पर जलवायु न्याय को लागू करने में मदद करेगा। इस दौरान भारत ने एकतरफा, जलवायु के नाम पर लगाए जाने वाले व्यापारिक प्रतिबंधों का मुद्दा भी उठाया। साथ ही कहा कि ऐसे कदम विकासशील देशों को नुकसान पहुंचाते हैं और समानता तथा साझा लेकिन विभेदित जिम्मेदारी के सिद्धांतों के खिलाफ हैं।
भारत का साफ और स्पष्ट संदेश
इस दौरान भारत ने यह भी स्पष्ट कहा कि जलवायु परिवर्तन का बोझ उन देशों पर नहीं डाला जाना चाहिए जो इसके लिए सबसे कम जिम्मेदार हैं। भारत ने विज्ञान-आधारित, न्यायपूर्ण और समानता पर आधारित जलवायु कार्रवाई के प्रति फिर से प्रतिबद्धता जताई। अंत में, भारत ने ब्राजील और सभी देशों को धन्यवाद दिया और अपील की कि बेलेम से आगे का सफर न्याय, एकजुटता और साझा समृद्धि से भरा होना चाहिए।